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सरकार का ऐलान, अब मार्केट में आया प्लास्टिक का नोट

img_20161209040621-1नईदिल्ली: मोदी सरकार हर मामले में अमेरिका को पीछे छोड़ रही है। पहले रक्षा क्षेत्र फिर व्यापार और अब करंसी को लेकर भारत अमेरिका को पीछे छोड़ देगा। शुक्रवार को मोदी सरकार ने ऐलान किया है कि देश में प्लास्टिक की करंसी चलाई जाएगी। वित्त मंत्री ने ये ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक की करंसी रोकने के लिए कच्चे माल की खरीदारी शुरू कर दी गई है। जल्द ही सरकार नई प्लास्टिक की करंसी बाजार में उतार देगी।  रिजर्व बैंक फील्‍ड ट्रायल के बाद काफी लंबे समय से प्‍लास्टिक करेंसी नोट लॉन्‍च करने की योजना बना रहा है।

फरवरी 2014 में सरकार ने कहा था कि 10 रुपए मूल्‍य के 1 अरब प्‍लास्टिक नोट को फील्‍ड ट्रायल के लिए पांच शहरों में चलाया जाएगा।
इन शहरों का चयन उनके भौगोलिक और जलवायु विविधता के आधार पर किया जाएगा। फील्‍ड ट्रायल के लिए चयनित शहर थे कोचि, मैसूर, जयपुर, शिमला और भुवनेश्‍वर। मेघवाल ने कहा कि प्‍लास्टिक नोट की औसत आयु पांच साल है और इसकी नकल करना मुश्किल है। उन्‍होंने कहा कि प्‍लास्टिक से तैयार नोट पेपर नोट की तुलना में ज्‍यादा स्‍वच्‍छ होते हैं।
इस तरह के नोट जाली मुद्रा को रोकने के लिए सबसे पहले ऑस्‍ट्रेलिया में लॉन्‍च किए गए थे।
नोट छपाई में गलती पर भारी जुर्माना
मेघवाल ने बताया कि आरबीआई ने दिसंबर 2015 में बताया कि उसे 1000 रुपए के कुछ ऐसे नोट प्राप्‍त हुए थे जिसमें सुरक्षा धागा नहीं था।
ये नोट करेंसी नोट प्रेस (सीएनपी), नासिक में छापे गए थे और पेपर की आर्पू‍ति सिक्‍यूरिटी पेपर मिल (एसपीएम) होशंगाबाद द्वारा की गई थी।
इस संबंध में सिक्‍यूरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन (एसपीएमसीआईएल) ने जांच की थी।
इस जांच में संबंधित अधिकारियों पर भारी जुर्माना लगाया गया है और विभागीय नियमों के मुताबिक आवश्‍यक कार्रवाई की गई है।
बेहतर क्‍वालिटी के लिए उठाए कदम
मेघवाल ने आगे बताया कि क्‍वालिटी प्रक्रिया को मजबूत बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
भविष्‍य में ऐसी गलती न हो इसके लिए विनिर्माण प्रक्रिया में ऑनलाइन परीक्षण तंत्र लाया गया है और संबंधित कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
गलती रहित छपाई को सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्‍त निगरानी की जा रही है।