उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के बाद मध्यप्रदेश के उज्जैन और अब राजधानी भोपाल में एक 10 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी नृशंस हत्या कर दी गई। घटना शनिवार-रविवार की दरमियानी रात की है। इस मामले में भी अलीगढ की तरह ही पुलिस का अमानवीय चेहरा उस दौरान सामने आया जब बच्ची के लापता होने की जानकारी देने परिजन कमलानगर थाने गए और थाने में मौजूद नशे में धुत सिपाही ने यह कहकर कि किसी के साथ भाग गई होगी, अपने आप लौट आएगी, परिजनों को दुत्कार कर भगा दिया। सांसद प्रज्ञा सिंह और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह बच्ची के परिजनों से मिलने पहुंचे।
हालांकि मामले के गरमाने पर पुलिस करीब चार घंटे बाद देर रात सक्रिय हुई, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। बच्ची के पड़ोस में ही रहने वाला युवक दरिंदगी की सारी हदें पार कर चुका था। रविवार सुबह करीब पांच बजे घर से 20 कदम की दूरी पर बच्ची को मृत स्थिति में उसके पिता ने नाले के किनारे देखा, जिसके बाद पुलिस ने शव बरामद किया। उधर इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में कमलानगर थाने के सात पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इनमें एक एएसआई, दो हवलदार और चार सिपाही शामिल हैं।