ऑनलाइन ठगी और जालसाजी के चक्कर में इन दिनों काफी लोग फंसकर अपनी मेहनत की कमाई गंवा रहे हैं। लेकिन, अब जालसाजी के पीडि़त अपना पैसा वापस भी पा सकते हैं। हाल में कई मामलों में साइबर क्राइम सेल ने पीडि़तों का पैसा वापस कराया है।
साइबर क्राइम सेल में आए दिन फोन पर क्रेडिट-डेबिट कार्ड का पिन पूछकर, कार्ड क्लोन कर, खाते की जानकारी लेकर व कई तरीकों से पैसे निकालने की शिकायतें आती रहती हैं। लेकिन, इसकी शिकायत पुलिस और सेल तक काफी देर में पहुंचती है, जिससे पैसा नहीं मिल पाता। सेल में ऐसे भी कई मामले आए हैं, जिनमें पीडि़तों ने घटना के चार-पांच घंटे के अंदर सूचना दी और उनकी मेहनत की कमाई बच गई।
केस-1
27 जून को जानकीपुरम की एक महिला के खाते से जालसाजों ने 40 हजार रुपये निकाल लिए। उसने 2 घंटे के अंदर पुलिस व सेल को सूचना दी। वहीं, सेल ने मर्चेंट के खाते में भेजी गई राशि होल्ड कराकर खाते में वापस करा दी।
केस-2
25 जून को अलीगंज निवासी युवक के खाते से 1.50 लाख रुपये पिन पूछकर निकाल लिए गए थे। उन्होंने 5 घंटे के अंदर सूचना दी। इस पर सेल की टीम ने खाते से मर्चेंट अकाउंट में भेजे गए 1.20 लाख रुपये बचा लिए।
केस-3
अप्रैल में होमगार्ड विभाग के सरकारी कर्मचारी के क्रेडिट कार्ड से 2 लाख रुपये जालसाजों ने निकाल लिए। उन्होंने चार घंटे के अंदर सूचना दी। सेल ने फौरन पैसे ट्रांसफर होने वाले मर्चेंट अकाउंट को ट्रेस कर करीब 1.90 लाख रुपये वापस करा दिए।
जल्दी से हो सकता है फायदा
साइबर क्राइम सेल के अधिकारियों के मुताबिक कई बार जालसाज ठगी करने के बाद पैसों का इस्तेमाल ऑनलाइन खरीदारी में करते हैं। इससे पैसा मर्चेंट अकाउंट में चला जाता है। समय पर सूचना मिलने पर अकाउंट में पैसा होल्ड कराकर पीडि़त को वापस करा दिया जाता है। इसमें हर सेंकेंड काफी कीमती होता है।
ट्रैकिंग के लिए ये चीजें हैं जरूरी
तत्काल सूचना के साथ ही साइबर क्राइम सेल में पीडि़त को नवीनतम इंट्री के साथ पासबुक की कॉपी, बैंक में रजिस्टर मोबाइल नंबर और डेबिट व क्रेडिट कार्ड देना होता है।