Thursday , December 19 2024

शोपियां मुठभेड़ में हिज्ब आतंकी ढेर

सुरक्षाबलों ने शुक्रवार को दक्षिण कश्मीर के शोपियां में हिजुबल मुजाहिदीन के एक आतंकी समीर अहमद को मुठभेड़ में मार गिराया। जबकि उसके दो अन्य साथी बच निकले। मौके से हथियारों के अलावा अन्य साजो सामान भी बरामद किया है। इसी बीच, आतंकी समर्थक तत्वों और सुरक्षाबलों के बीच हुई हिसक झड़पों में चार लोग जख्मी हो गए। प्रशासन ने अफवाहों पर काबू पाने के लिए पूरे क्षेत्र में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी है।                                                                                                                                                                           शोपियां से मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस को अपने तंत्र से पता चला कि आतंकियों के दल ने इमाम साहब इलाके में ठिकाना बनाया हुआ है। यह आतंकी जल्द ही किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए है। पुलिस ने सेना की 44 आरआर के जवानों के साथ मिलकर आतंकियों को पकड़ने के लिए अभियान चलाया। सुबह चार बजे सुरक्षाबलों ने घेराबंदी करते हुए तलाशी शुरू की। जवान जब नारवनी में एक बाग के पास पहुंचे तो अचानक उन पर फायरिग हो गई। बाग में आतंकी ठिकाना था। उन्होंने जवानों को ठिकाने के पास देख गोली चलाई थी। जवानों ने जवाबी फायर किया सुबह करीब सात बजे मुठभेड़ शुरू हुई जो दो घंटे तक चली। इस दौरान एक आतंकी मारा गया। समीर छह माह पहले बना था आतंकी पुलिस अधिकारियों ने बताया कि समीर पहले अल-बदर मुजाहिदीन का आतंकी था। करीब छह माह पहले ही वह हिज्ब में शामिल हुआ है। उसके पास से एक एसाल्ट राइफल, एक मैगजीन, 13 कारतूस, एक मोबाइल फोन मिला है। उसके ठिकाने की तलाशी लेने पर सुरक्षाबलों को वहां से कुछ डायरियां, बैटरी चार्जर, बर्तन, कंबल, खाने-पीने का सामान भी मिला है।                       हिसा भड़की : शोपियां के सुगन क्षेत्र का रहने वाले समीर की मौत की खबर फैलते ही पूरे इलाके में सुरक्षाबलों के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए। कई यु़वकों ने भड़काऊ नारेबाजी करते हुए मुठभेड़स्थल पर जमा होने का प्रयास करते हुए सुरक्षाबलों पर पथराव किया। सुरक्षाबलों ने पहले तो संयम बनाए रखा, लेकिन जब पथराव की तीव्रता बड़ने लगी तो उन्होंने भी हिसक तत्वों को खदेड़ने के लिए लाठियों,आूंसगैस और पैलेट का सहारा लिया। कुछ देर में हिसक झड़पें इमामसाहब से लेकर सुगन तक फैल गई। दोपहर बाद सुरक्षाबलों ने किसी तरह स्थिति पर काबू पा लिया था, लेकिन तब तक हिसक झड़पों में चार लोग जख्मी हो चुके थे। मारे गए आतंकी को सुगन गांव में सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में दफनाया गया।