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डायबिटिक रोगी घबराएं नहीं, बेहद आसान है इसका इलाज; जानें लक्षण और बचाव|

आमतौर पर लोगों के बीच यह धारणा है कि अगर आप प्रीडायबिटिक हैं तो डायबिटीज का शिकार होना तय है। हालिया शोध में इससे इतर नतीजा सामने आया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जीवनशैली सुधारकर ऐसे लोग भी आसानी से सामान्य जीवन जी सकते हैं। अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि प्रीडायबिटिक लोगों के खून में शुगर की मात्रा ज्यादा होती है। ऐसे लोगों को खानपान में मीठे की मात्रा कम रखनी चाहिए। इसके अलावा खानपान में फाइबर, अनाज और सब्जियों को शामिल करने और नियमित व्यायाम करने से भी प्रीडायबिटिक लोग डायबिटीज से बचे रह सकते हैं।अध्ययन में 918 लोगों को शामिल किया गया था। सभी की उम्र 60 साल से अधिक थी तथा सभी में प्रीडायबिटिक के लक्षण पाए गए थे। 12 साल तक अध्ययन के दौरान इनमें से केवल 13 फीसद लोगों को ही डायबिटीज हुआ। जीवनशैली में बदलाव के जरिये बाकी लोग इससे बचे रहने में सफल हुए। प्री-डायबिटीज ऐसी डायबिटीज को कहा जाता है, जो टाइप-2 डायबिटीज से पहले होती है। लेकिन प्री-डायबिटीज के मरीजों में इसके लक्षण नजर नहीँ आते। इस तरह की डायबिटीज का मतलब है कि व्यक्ति को डायबिटीज तो है, लेकिन उसके ब्‍लड में ब्लड शुगर का स्तर इतना भी ज्यादा नहीं है कि टेस्‍ट के दौरान उसका पता लगाया जा सके।                                                                                                                                                                                       प्री डायबिटीज के पांच लक्षण
किसी व्‍यक्ति को प्री डायबिटीज में कई परेशानी होती हैं। डायबिटीज होने से पहले के लक्षणों या कारणों को प्री डायबिटीज माना जाता है। प्री डायबिटीज में रोगी को अपना ध्‍यान रखना चाहिए और नियमित जांच कराते रहना चाहिए। प्री डायबिटीज रोगी को डायबिटीज के साथ ही दिल की बीमारी होने का खतरा भी बढ़ जाता है।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                               आनुवांशिक कारण
यदि आपके परिजनों को पहले से डायबिटीज है तो आपको डायबिटीज होने की आशंका बनी रहती है। यदि आपने ऐसे बच्‍चे को जन्‍म दिया है जिसका वजन 9 पाउंड से ज्‍यादा है तो आपको प्री डायबिटीज की समस्‍या हो सकती है। यदि आपकी उम्र 45 वर्ष से ज्‍यादा है और आपका अधिकतर समय बैठकर गुजरता है तो यह टाइप 2 डायबिटीज का कारण बन सकता है।                                                                                                                                                                                                                                                      डायबिटीज जैसे लक्षण
कई लोगों को प्री डायबिटीज की समस्‍या होने पर भी उनमें इससे संबंधित लक्षण नहीं पाएं जाते। कई बार प्री डायबिटीज के रोगियों में डायबिटीज से मिलते-जुलते लक्षण जैसे ज्‍यादा प्‍यास लगना, थोड़ी- थोड़ी देर में पेशाब आना और कम काम करने या न करने पर भी थकान महसूस होने जैसे लक्षण पाएं जाते हैं।                                                                                                     प्री-डायबिटीज की अवस्था क्‍यों खतरनाक है?
यह भविष्य में डायबिटीज होने की सूचना देता है। प्री-डायबिटीज वालों को भी डायबिटीज के दुष्परिणामों के होने का खतरा उतना ही रहता है।

प्री-डायबिटीज के लक्षण
हालांकि प्री-डायबिटीज के ज्यादातर मरीजों में, लक्षण नजर नहीं आते। लेकिन कुछ लक्षणों से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

  • यूरिन आना
  • बेहोशी होना
  • धुंधला दिखाई देना
  • बहुत ज्यादा प्यास लगनाप्री-डायबिटीज से बचाव के उपाय
    • अगर आप स्‍मोकिंग करते हैं, तो इसे पूरी तरह से बंद कर दें। सिगरेट पीने से किसी भी व्यक्ति का शुगर लेवल एकाएक बढ़ जाता है और अगर डायबिटीज का कोई मरीज स्‍मोकिंग करता है, तो उसके शुगर लेवल में तुरंत ऐसा उछाल आता है जो उस मरीज को बहुत नुकसान पहुंचाता है।
    • वजन नियंत्रित होना चाहिए। यदि आप अपना वजन पांच से 10 प्रतिशत तक भी घटा लेते हैँ, तो इससे आपके स्वास्थ्य पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
    • आपका खानपान स्वस्थ होना चाहिए। शरीर में ज्यादा सोडियम होने से पानी का जमाव होता है जिससे रक्त का आयतन बढ़ जाता है जिसके कारण रक्तचाप बढ़ जाता है। भोजन में सोडियम की मात्रा कम करें, सामान्यतः 10 ग्राम नमक लोग एक दिन में खाते हैं। इसे कम करके 3 ग्राम तक कर देना चाहिए है। नमकीन चीजें जैसे नमकीन, आचार, पापड़ से पूरी तरह से परहेज करें।