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चंद्रयान-2 मिशन: इतिहास रचने से चंद घंटे की दूरी पर इसरो, आज दोपहर में लॉन्च होगा मिशन

नई दिल्ली: भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक बार फिर इतिहास रचने की तैयारी में है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा श्री हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के  दूसरे लांच पैड से दोपहर दो बजकर 43 मिनट पर इसे लॉन्च किया जाएगा। इसे सबसे शक्तिशाली रॉकेट जीएसएलवी-मार्क III-एम1 के जरिए प्रक्षेपित किया जायेगा। अब तक के मार्श मिशन में यह सबसे मुश्किल मिशन है और लॉन्चिंग के शुरुआती 15 मिनट इसके लिए महत्वपूर्ण होंगे। इससे पहले 15 जुलाई को क्रॉयोजेनिक इंजन में कुछ खराबी आने की वजह से इसकी लॉन्चिंग टाल दी गई थी।रविवार की शाम 6 बजकर 43 मिनट पर प्रक्षेपण के लिए 20 घंटे की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। इसरो के अनुसार ‘चंद्रयान-2’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा, जहां वह इसके अनछुए पहलुओं को जानने का प्रयास करेगा। इससे 11 साल पहले इसरो ने अपने पहले सफल चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-1’ का प्रक्षेपण किया था जिसने चंद्रमा के 3,400 से अधिक चक्कर लगाए और यह 29 अगस्त, 2009 तक 312 दिन तक काम करता रहा।इसरो के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर बताया गया कि जीएसएलवीएमकेIII-एम1 के क्रायोजेनिक चरण (C25) के लिए तरल हाइड्रोजन का भरना शुरू हो गया है।स्वदेशी तकनीक से निर्मित चंद्रयान-2 में कुल 13 पेलोड हैं। आठ ऑर्बिटर में, तीन पेलोड लैंडर ‘विक्रम’ और दो पेलोड रोवर ‘प्रज्ञान’ में हैं। इसरो ने ट्वीट कर बताया कि GSLVMkIII-M1 के क्रायोजेनिक चरण (C25) के लिए लिक्विड ऑक्सीजन भरने का काम पूरा हो गया है।आंध्र प्रदेश: श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान 2 के प्रक्षेपण का गवाह बनने के लिए लोग एकत्रित होना शुरू हो गए हैं। दोपहर 2.43 बजे इसे प्रक्षेपित किया जाएगा।इस मिशन के प्रक्षेपण की पूर्व संध्या पर इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने बताया कि सभी तैयारियां हो गई हैं और गड़बड़ी को ठीक कर लिया गया है। उन्होंने यहां आते समय चेन्नई हवाईअड्डे पर पत्रकारों से कहा, ‘15 जुलाई को सामने आई तकनीकी खामी को दूर कर लिया गया है। प्रक्षेपण यान अच्छी स्थिति में है…(प्रक्षेपण से पहले) का अभ्यास सफलतापूर्वक ढंग से पूरा किया गया है।’