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पिंपल्स को दूर करने में मददगार साबित होंगे ये 3 योगासन

पिंपल्स से हर दूसरा शख्स परेशान है, चाहे वह लड़का हो या लड़की. इनमें से ज्यादातर चंदन,नीम का लेप लगाकर और डॉक्टर के चक्कर काटकर परेशान हो गए हैं. पर पिंपल्स है कि बार-बार आ जाता है. ऐसे में आप ये तरीका आज़मा कर देखें. कुछ ऐसे योगासन हैं जिनके नियमित प्रैक्टिस से मुहांसो से छुटकारा मिल सकता है, वो भी हमेशा हमेशा के लिए. ये सभी योगासनों से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन तेज हो जाती है और रक्त संचार से चेहरे की डेड स्किन, टॉक्सिन, दूषित कण आदी दूर हो जाते हैं.

कपालभाती प्रणायाम

कपालभाती आसन एक ऐसा आसन है जिसमें सभी योगासनों का फायदा मिलता है. इसे करने के लिए आप सिद्धासन, पद्मासन या वज्रासन में बैठकर सांसों को बाहर छोड़ें. यह करते वक्त अपने पेट को अंदर की तरफ धक्का दें और ज्यादा से ज्यादा सांस बाहर फेंके. इस आसन को रोज करीब आधे घंटे तक करें.
उत्तानासन

सीधे खड़े हो जाएं और अपने हाथ अपने शरीर के साइड में रखें. साँस छोड़ते हुए कूल्हे के जोड़ों से झुकें. ध्यान रहे कि कमर के जोड़ों से नहीं झुकना है. नीचे झुकते समय साँस छोड़ें.

याद रहे कि सभी आगे झुकने वाले आसनों की तरह उत्तानासन में उदेश्य धड़ को लंबा करना होता है. अगर आप में इतना लचीलापन हो की आप अपनी उंगलियाँ या हथेली ज़मीन पर टीका सकें, तो टिकाएं. अगर आपके लिए यह करना संभव ना हो तो ज़बरदस्ती ऐसा करने की कोशिश ना करें. ऐसी स्तिथि में अपने फॉरार्म्स को क्रॉस करें और अपनी कोहनी पक्कड़ लें.

आसन में रहते हुए सांस बिल्कुल ना रोकें. जब सांस अंदर लें, तब धड़ को थोड़ा सा उठायें और लंबा करने की कोशिश करें. जब साँस को छोड़ें, तब आगे की तरफ और गहराई से झुकने की कोशिश करें. कुल मिला कर पाँच बार साँस अंदर लें और बाहर छोड़ें ताकि आप आसन में 30 से 60 सेकेंड तक रह सकें. धीरे धीरे जैसे आपके शरीर में ताक़त और लचीलापन बढ़ने लगे, आप समय बढ़ा सकते हैं. लेकिन 90 सेकेंड से ज़्यादा ना करें.
त्रिकोणासन

ब्लड सर्कुलेशन तेज करने के साथ ही यह आसन आपके चेहरे के नैचुरल ग्लो और आकर्षण को बरकरार रखता है.इसे करने के लिए सबसे पहले आप खड़े हो जाएं, फिर अपने पैरों को 1 मीटर की दूरी तक फैलाए और अंदर की ओर सांस लें. अपनी दोनो भुजाओं को कंधे की सीध में ले जाएं. फिर कमर से आगे की ओर झुकें और इसी बीच सांस को छोड़े. अब बाए हाथ से दाएं पैर के पंजे को छुएं और दूसरा हाथ आसमान की ओर रखें. इस अवस्था में 2-3 सेकेंड तक रुकें. फिर शरीर को सीधा रखें. सांस भरते हुए ऊपर उठें. अब दोबारा इसी विधि को दूसरे हाथ से करें. कम से कम 5-6 बार इस आसान का अभ्यास करें.