Thursday , December 19 2024

दिल्‍ली दरबार में झारखंड कांग्रेस की पंचायत

रांची, राज्य ब्यूरो। अंतर्कलह  और टकराहट से जूझ रही झारखंड कांग्रेस के लिए शनिवार का दिन अहम है। नई दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल के समक्ष तमाम नेता अपनी बातें रखेंगे। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार के इस्‍तीफे को लेकर अहम फैसला भी संभव है। पार्टी से जुड़े पूर्व अध्यक्षों और राज्य सरकार के पूर्व मंत्रियों को भी अपनी बातें रखने के लिए तलब किया गया है। बैठक कांग्रेस के राष्ट्रीय मुख्यालय में सुबह 11 बजे आरंभ होगी।

इस बीच प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय के समर्थकों के बीच हिंसक झड़प पर पार्टी आलाकमान गंभीर है। गुरुवार को दोनों गुटों में मारपीट के बाद स्थिति नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा था। झड़प में कांग्रेसियों ने मीडियाकर्मियों को भी निशाना बनाया था। इसके बाद आनन-फानन में कांग्रेस आलाकमान ने तमाम वरीय नेताओं को दिल्ली तलब किया है।

नई दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल के समक्ष तमाम नेता अपनी बातें रखेंगे। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार, मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर भी मौजूद रहेंगे। पार्टी से जुड़े पूर्व अध्यक्षों और राज्य सरकार के पूर्व मंत्रियों को भी अपनी बातें रखने के लिए तलब किया गया है। बैठक कांग्रेस के राष्ट्रीय मुख्यालय में सुबह 11 बजे आरंभ होगी। शुक्रवार को अलग-अलग दल बनाकर नेताओं का जत्था यहां से नई दिल्ली के लिए रवाना हुआ। अब सबकी निगाहें वहां होने वाली बैठक पर टिकी हैं। बैठक में झारखंड के 36 नेता मौजूद रहेंगे।

वरीय नेताओं को मुंह बंद रखने का फरमान
कांग्रेस मुख्यालय में घमासान के बाद आलाकमान ने कई नेताओं को फटकार लगाई है। कहा गया है कि इससे पार्टी की छवि खराब हुई है। ऐसे नेताओं को मुंह बंद रखने को कहा गया है। सबको नसीहत दी गई है कि वे पार्टी के भीतर अपनी बातें रखें। मीडिया के माध्यम से बयानबाजी करने से बाज आएं। इसका उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी।

बातचीत से होगा समाधान : आरपीएन सिंह
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह को उम्मीद है कि बातचीत से मौजूदा समस्या का समाधान निकल आएगा। उन्होंने कहा कि सभी नेताओं का मकसद पार्टी की मजबूती है। लोकसभा चुनाव में सभी साथियों ने एकजुट होकर काम किया था। कांग्रेस को एक सीट पर सफलता भी मिली। मौजूदा संकट के समाधान के लिए बुलाई गई बैठक में हल निकालने की कोशिश होगी। तमाम वरीय नेताओं को इसमें मौजूद रहने को कहा गया है। आलाकमान दोनों पक्षों की बातें सुनकर संगठन हित में फैसले लेगा।