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पीएसी सिपाही भर्ती मामला: री-मेडिकल टेस्ट पास कराने की सौदेबाजी करने का आरोपी गिरफ्तार

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पीएसी सिपाही भर्ती के मेडिकल में असफल अभ्यर्थियों को रि-मेडिकल टेस्ट में उत्तीर्ण कराने का जिम्मा लेने का आरोपी रामनगर निवासी हुसनवाज अहमद उर्फ हसी बुधवार को पुलिस लाइन चौराहा से गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार, असफल अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण कराने के लिए हुसनवाज ने जेल भेजे गए डॉ. शिवेश जायसवाल से प्रति अभ्यर्थी तीन लाख रुपये में सौदा तय किया था। डॉ. शिवेश पहले रामनगर में तैनात था। इस वजह से हसी से उसकी पहचान है।

पीएसी सिपाही भर्ती के मेडिकल में असफल अभ्यर्थियों का रि-मेडिकल टेस्ट बीते 28, 29 और 30 अगस्त को पुलिस लाइन में होना था। सीओ कैंट मोहम्मद मुश्ताक ने बताया कि असफल अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण कराने के लिए पैसे का लेनदेन की जानकारी सर्विलांस की मदद से पता चली।

इसके आधार पर 22 नवंबर को दीनदयाल अस्पताल के सर्जन डॉ. शिवेश जायसवाल व नरायनपुर के आकाश बेनवंशी को और 23 नवंबर को मंडलीय अस्पताल के डॉ. एसके पांडेय को गिरफ्तार किया गया था। विवेचना के दौरान हुसनवाज का नाम सामने आया तो इंस्पेक्टर कैंट अश्वनी कुमार चतुर्वेदी ने टीम के साथ उसे गिरफ्तार किया।

दो सिपाही सहित तीन आरोपियों की तलाश

पीएसी सिपाही भर्ती प्रकरण में 36वीं वाहिनी पीएसी रामनगर के आरक्षी रमेश सिंह, गाजीपुर पुलिस लाइन के आरक्षी राजेश कुमार सिंह और पवन सिंह नामजद हैं। सीओ कैंट ने बताया कि रमेश के खिलाफ अदालत से गैर जमानती वारंट मिल गया है। राजेश और पवन के खिलाफ वारंट के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया है। तीनों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की तीन टीमें गठित की गई हैं। डॉ. शिवेश और डॉ. एसके की बातचीत की ऑडियो क्लिप मिली है। उसकी तस्दीक के लिए अदालत की अनुमति से दोनों की आवाज का नमूना लिया जाएगा।

तीन डॉक्टर सहित 13 लोगों की भूमिका की जांच

सीओ कैंट ने बताया कि प्रकरण में तीन डॉक्टर सहित 13 लोगों की भूमिका की जांच की जा रही है। जिसके खिलाफ भी साक्ष्य मिलेंगे, उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। साथ ही गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में मिली जानकारी की मदद से तफ्तीश की जा रही है।