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आजमगढ़:एक लाख के इनामी अपराधी अखंड ने किया सरेंडर

 

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आजमगढ़ : हत्या व गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में काफी दिनों से गैरहाजिर चल रहे तरवां के पूर्व ब्लाक प्रमुख व एक लाख के इनामी अपराधी अखंड सिंह ने गुरुवार को गैंगस्टर कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। गैंगस्टर कोर्ट के जज रामेंद्र कुमार ने पूर्व प्रमुख को चौदह दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। अखंड के कोर्ट में समर्पण को लेकर काफी गहमा-गहमी रही। अंखड के हाजिर होने की खबर मिलते ही पुलिस भी सक्रिय हो गई।

तरवां थाना क्षेत्र के जमुआं गांव निवासी व तरवां के पूर्व ब्लाक प्रमुख अखंड प्रताप सिंह पुत्र स्व. साहब सिंह के खिलाफ तरवां थाना में वर्ष 2008 में गैंगस्टर के तीन, वर्ष 2015 में गैंगस्टर का एक मुकदमा दर्ज किया गया था। गैंगस्टर के दर्ज चारों मुकदमे में पुलिस ने चार्जशीट कोर्ट में प्रेषित कर दिया था। इन मुकदमों में अखंड काफी लंबे अर्से से गैरहाजिर चल रहा था। वाराणसी के ट्रांसपोर्टर धनराज यादव की 11 मई 2013 को हुई हत्या के बाद अखंड सिंह का नाम आरोपित के रूप में सामने आया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था। यह मुकदमा अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर एक में विचाराधीन है। इस मुकदमे में कोर्ट ने आरोपित अखंड को फरार घोषित कर रखा था। गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। कुछ दिन पूर्व एसपी ने इनाम की धनराशि को बढ़ाकर ढाई लाख रुपये करने की सिफारिश करते हुए अपनी फाइल डीजीपी को भेज दी थी।

गुरुवार की दोपहर को अखंड ने पुलिस को चकमा देकर गैंगस्टर कोर्ट में अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर चार रामेंद्र कुमार की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया।तरवां के पूर्व ब्लाक प्रमुख व एक लाख के इनामी बाहुबली बसपा नेता अखंड प्रताप सिंह की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की ओर से बनायी गई सभी रणनीति गुरुवार को उस समय फेल हो गई, जब वह पुलिस को चकमा देकर गैंगस्टर कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। बसपा के टिकट पर वर्ष 2017 में अखंड ने अतरौलिया विधान सभा से चुनाव लड़ा था लेकिन सपा प्रत्याशी डा. संग्राम यादव से चुनाव हार गए थे। वर्ष 2013 में वाराणसी के ट्रांसपोर्टर धनराज यादव की हत्या के बाद अखंड चर्चा में आया। एसपी त्रिवेणी सिंह का कहना है कि अखंड के खिलाफ, हत्या, बलवा समेत तीन दर्जन से अधिक संगीन आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। फरार चल रहे अखंड के घर पर पुलिस ने कुर्की की नोटिस चस्पा कर मुनादी भी कराई थी। गिरफ्तारी के लिए एसपी ने लखनऊ क्राइम ब्रांच के साथ ही एसओजी को भी लगाने के लिए कुछ दिन पूर्व डीजीपी को पत्र लिखा था।