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चीन ने अगर ये ‘गलती’ नहीं की होती, तो इतना नहीं फैलता कोरोना वायरस

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कोरोना वायरस (Coronavirus) ने पूरी दुनिया में कहर बरपा रखा है. इस बीमारी से होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. सोमवार शाम तक इस बीमारी की वजह से कुल 425 मौतें दर्ज की गई हैं, जबकि 20,438 लोगों को इसके वायरस से संक्रमित पाया गया है. चीन (China) के नेशनल हेल्थ कमीशन ने इस आंकड़े को जारी किया है.

पहली बार कोरोना वायरस की वजह से चीन के बाहर के किसी मरीज की मौत हुई है. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीमारी ने कितना भयावह रूप ले लिया है. फिलीपींस में कोरोना वायरस से पीड़ित 44 वर्षीय एक शख्स की मौत हो गई है. मृतक चीन के शहर वुहान से होकर आया था. चीनी शहर वुहान से ही सबसे पहले ये बीमारी फैली है.

इतना तेजी से क्यों फैल रहा है कोरोना वायरस?
चीन के सेंटर्स ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने माना है कि कोरोना के वायरस करीब दो दर्जन देशों में फैल चुके हैं. भारत में भी केरल में इसके वायरस से संक्रमित तीन मरीज मिले हैं. जर्मनी, आस्ट्रेलिया, जापान, वियतनाम, रुस, यूके और अमेरिका जैसे देशों में इसका संक्रमण फैल चुका है.

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के हवासे से बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के बारे में जितना बताया जा रहा है, उसके संक्रमण से पीड़ित मरीज उससे कहीं अधिक हैं. द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ मृतकों के डेथ सर्टिफिकेट में मौत की वजह सीवियर न्यूमोनिया या वायरल न्यूमोनिया लिख दिया गया है.

पिछले तीन हफ्तों में बीमारी का संक्रमण तेजी से फैला है. चीनी शहर वुहान के फूड मार्केट से ये बीमारी फैली है. इसके बाद चीन के कई शहरों को इसने अपनी चपेट में ले लिया. वुहान में ट्रैवल प्रतिबंध लगने से पहले ही करीब 50 लोख लोग शहर छोड़कर चले गए.

चीन के 11 शहरों में वायरस को फैलने से रोकने के लिए ट्रैवल प्रतिबंध लगाए गए हैं. इससे करीब 5 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं. अकेले वुहान शहर में 1.1 करोड़ लोग रहते हैं. वुहान में लॉक डाउन है. एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन को बंद कर दिया गया है. सारे पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बंद रखा गया है. सवाल है इन सारे उपायों के बावजूद कोरोना वायरस इतनी तेजी से क्यों फैला?

क्या चीन ने छिपाई कोरोना वायरस के संक्रमण की बात
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कहा जा रहा है कि वुहान के डॉक्टरों को दिसंबर के शुरुआत में ही कोरोना वायरस के संक्रमण का पता चल गया था. डॉक्टरों ने चेतावनी दी थी कि ये महामारी का रूप ले सकता है. लेकिन लोकल कम्यूनिस्ट पार्टी ने इस जानकारी को छिपाए रखा. कुछ डॉक्टरों ने इसकी जानकारी सार्वजनिक करने की कोशिश की तो उन्हें डांट फटकार लगाई गई.

इस वायरस को लेकर वुहान के हेल्थ अथॉरिटी की मीटिंग भी हुई. लेकिन वुहान के मेयर का कहना था कि वो 20 जनवरी तक इस बारे में कुछ भी जानकारी प्रकाशित करने की स्थिति में नहीं हैं. चीन में उस वक्त नए साल की छुट्टियां मनाई जा रही थीं. इस दौरान चीन के लोग बड़ी संख्या में अपने घरों या फिर विदेश की सैर पर निकलते हैं. वुहान में ट्रैवल रिस्ट्रिक्शन के पहले ही 5 लाख लोग शहर छोड़कर चले गए थे.

चीन ने कोरोना वायरस के संक्रमण को हल्के में लिया
डॉक्टरों के मुताबिक चीन और वहां के लोगों ने शुरुआती तौर पर कोरोना वायरस के संक्रमण को हल्के में लिया. डॉक्टर बताते हैं कि कोरोना का वायरस 10 से लेकर 14 दिनों तक इनक्यूबेशन पीरियड में रहता है. इस दौरान मरीज को संक्रमण का पता नहीं चलता है और वो खुद को स्वस्थ पाता है. इस वजह से भी संक्रमण फैलता रहा और लोगों को पता नहीं चला.

संक्रमण के फैलने की एक वजह ये भी रही कि कुछ लोगों ने तो चीन का ट्रैवल कैंसल कर दिया. उन लोगों छुट्टियों के दौरान घरों में रहने का मन बना लिया. लेकिन कुछ लोगों ने बीमारी के लक्षण दिखने के बावजूद चीन के ट्रैवल को कैंसिल नहीं किया. वो कोरोना वायरस के संक्रमण को मामूली सर्दी मानकर चीन की यात्रा पर निकल पड़े. इस वजह से भी संक्रमण तेजी से फैला. सर्दी, खांसी और बुखार को लोगों ने मामूली मौसमी बीमारी मानकर उसकी उपेक्षा की. जिसका नतीजा उन्हें भुगतना पड़ा.

कोरोना वायरस को लेकर अब भी ज्यादा जानकारी नहीं
कोरोना वायरस दर्जनों देशों में फैल चुका है. लेकिन इस वायरस को लेकर अब भी ज्यादा जानकारी नहीं है. अभी तक ये पता नहीं किया जा सका है कि होस्ट से वायरस के निकलने के बाद ये कितने वक्त तक जीवित रहता है. इस तरह के कुछ वायरस 96 से लेकर 169 घंटों तक जीवित रहते हैं. लेकिन कोरोना वायरस के बारे में अभी डॉक्टर इसका पता नहीं लगा पाए हैं.