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बिहार: दारोगा-सिपाही हत्याकांड के अभियुक्तों के घर कुर्की

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मढ़ौरा बाजार में सरेशाम हुई एसआईटी दरोगा मिथिलेश कुमार व सिपाही फारुख आलम हत्याकांड के चार अप्राथमिकी अभियुक्तों के घरों की कुर्की कोर्ट के आदेश पर रविवार को की गई। थानाध्यक्ष रामबलेश्वर राय ने बताया कि मढ़ौरा के अवारी निवासी विनोद सिंह, अनुज सिंह व मुकेश सिंह तथा तरैया के गोविंदापुर निवासी जटाशंकर सिंह के घरों की कुर्की हुई। हालांकि अभी भी इस हत्याकांड के चार अन्य अभियुक्तों के घरों की कुर्की होनी बाकी है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि पहले से इस कुर्की की कोई चर्चा नहीं थी और अचानक मढ़ौरा के थानाध्यक्ष व कांड के अनुसंधान कर्ता रामबलेश्वर राय अपने पूरे दलबल के साथ अंवारी पहंुच गए और आरोपितों के घर की कुर्की की कार्रवाई शुरू कर दी। पुलिस इनके घरों से खिड़की, दरवाजा, बर्तन, फर्नीचर आदि जब्त कर थाने लाई गई। ये सभी अप्राथमिकी अभियुक्त फरार हैं और कोर्ट के वारंट के बाद भी उपस्थित नहीं हुए। तब कोर्ट के आदेशानुसार कुर्की जब्ती की कार्रवाई की गई है। कुर्की के दौरान विधि-व्यवस्था बनाये रखने के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात थी। तरैया थानाध्यक्ष राजेश कुमार भी तरैया में कुर्की के दौरान थे।

मुख्य आरोपित अभी भी फरार 
दोहरे हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त मढ़ौरा के अवारी निवासी सुबोध सिंह अभी भी फरार है। उसे दबोचने के लिए एसआईटी हर स्तर पर सक्रिय है। जानकारी के मुताबिक मुख्य अभियुक्त के नेपाल में छिपे होने की बात बताई जा रही है। मुख्य आरोपित पर दबाव बनाने के लिए उसके पॉल्टी फॉर्म पर भी छापेमारी की गयी थी। बैंक खाते को भी फ्रिज किया गया था। इसके बाद भी पुलिस गिरफ्त से वह बाहर है।

जिप अध्यक्ष के जमानत आवेदन पर हाईकोर्ट में सुनवाई लंबित
हत्याकांड को अंजाम देने में प्रयोग हुए रिवाल्वर की जब्ती के बाद आरोपित बनाई गयी जिला परिषद अध्यक्ष मीना अरुण का जमानत आवेदन छपरा कोर्ट से अस्वीकार कर दिया गया है। इसके बाद हाई कोर्ट में जमान के लिए आवेदन दिया गया है पर अभी मामला लंबित है। जिप अध्यक्ष फिलहाल छपरा जेल में बंद हैं। वहीं हत्या की साजिश रचने में शामिल उनके पति अरुण सिंह भी छपरा जेल में ही न्यायिक हिरासत में हैं।