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UP Board 2020: यूपी बोर्ड की परीक्षाएं शुरू, कड़ी निगरानी में परीक्षा दे रहे परीक्षार्थी

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यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा आज से शुरू हो गई हैं। परीक्षाएं 18 से 6 मार्च तक चलेंगी। परीक्षाएं नकलविहीन कराने के लिए शासन की ओर से डीएम एवं पुलिस अधीक्षक के साथ एसटीएफ को परीक्षा की जिम्मेदारी दी है।

नकल रोकने के लिए बोर्ड की ओर से पहली बार प्रदेश के सभी केंद्रों को एक साथ जोड़ने के साथ वेबकास्टिंग के जरिए निगरानी की व्यवस्था की गई है। विद्यालयों को शिक्षा निदेशालय लखनऊ में स्थापित राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है।

2020 में कम हो गए 1.88 लाख परीक्षार्थी
बोर्ड परीक्षा में प्रदेश भर में हाईस्कूल में 3022607 एवं इंटरमीडिएट में 2584511 कुल 5607118 परीक्षार्थी 7784 केंद्रों पर परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। 2020 की परीक्षा में 2019 की अपेक्षा 1.88 लाख परीक्षार्थी कम हो गए हैं। साथ ही 570 केंद्र भी कम हो गए हैं।

2016 में यूची बोर्ड परीक्षा में 6821495 परीक्षार्थी शामिल हुए थे, जबकि 2020 की परीक्षा में यह संख्या कम होकर 5607118 पहुंच गई। इस प्रकार देखा जाए तो चार वर्ष में परीक्षार्थियों की संख्या में 1214377 गिरावट आई है। बोर्ड की ओर से पंजीकरण में आधार अनिवार्य करने और ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था किए जाने के बाद लगातार परीक्षार्थियों की संख्या में कमी आ रही है। परीक्षा से पहले जांच में मेरठ एवं बरेली में कुछ परीक्षार्थी कम हो गए।

नकल कराने वाले अब कॉपी की सील नहीं तोड़ सकेंगे

बोर्ड की ओर से नकल रोकने केलिए पहली बार रंगीन और सिलाई वाली कॉपियां प्रयोग में लाई जा रही हैं। इससे अब परीक्षार्थी कॉपी की सील तोड़कर, उसके पेज अलग नहीं कर सकेंगे। यूपी बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि बोर्ड की ओर से पहली बार परीक्षा में सभी 75 जिले में कोडिंग वाली कॉपी प्रयोग में लाई जा रही है।

सचिव ने बताया कि शासन के निर्देश पर बोर्ड ने कॉपी के हर पेज पर रोलनंबर और कॉपी की कोडिंग लिखना अनिवार्य कर दिया है। सचिव का कहना है कि कॉपी के हर पृष्ठ पर जब परीक्षार्थी अपने से रोलनंबर और कॉपी कोड लिखेगा तो भविष्य में कॉपी बदले जाने की शिकायत पर बोर्ड उसकी हैंड राइटिंग का मिलान कर सकेगा।