इसे संस्कृत में सैंधवा, शीतशिवा (क्योंकि यह प्रकृति में शीतल है), सिंधुजा (क्योंकि यह पंजाब के सिंध क्षेत्र में पाया जाता है), नादेया (क्योंकि यह नदियों के किनारे में पाया जाता है) भी कहा जाता है।
सेंधा नमक में पाए जाने वाले मिनरल्स हमें कई तरह की बीमारियों से बचाने का काम करते हैं. यह नमक पाचक रसों का निर्माण करता है, इसलिए यह पाचन को दुरुस्त रखने का काम भी करता है।
हम आपको बता दें कि आम नमक के बजाय राजघराना सेन्धा नमक को सेहत के लिए सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है. क्योंकि इसमे करीब 92 फीसदी खनिज तत्व पाए जाते हैं।
सेंधा नमक की तासीर –
सेंधा नमक की तासीर ठंडी होती है। यह शरीर की गर्मी को दूर करने में सहायता करता है। सेंधा नमक की तासीर ठंडी होने की वजह से यह पित्त दोष को दूर करता है।
सेंधा नमक के प्रकार –
यह पंजाब की खानों से उपलब्ध है। यह दो किस्मों का होता है –
श्वेत सैंधवा – (सफेद रंग का सेंधा नमक)
रक्त सैंधवा – (लाल रंग का सेंधा नमक)
इनमें से किसी को भी सेंधा नमक कहा जा सकता है। दोनों स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं और आयुर्वेदिक दवाओं में इस्तेमाल होते हैं।
अन्य सभी प्रकार के सेंधा नमक (हल्के या गहरे नीले, गुलाबी, बैंगनी या लाल, भूरे, काले, नारंगी और पीले रंग वाले सेंधा नमक) सबसे अच्छे प्रकार के सेंधा नमक नहीं माने जाते हैं। काला नमक भी सेंधा नमक का ही एक प्रकार है, जिसमें सोडियम क्लोराइड के अलावा सल्फर सामग्री भी शामिल है। आयुर्वेद के अनुसार, यह सफेद सेंधा नमक के बाद भोजन में प्रयोग करने के लिए दूसरा सबसे अच्छा नमक है।
चलिए हम ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री जी से जानते हैं राजघराना बसॉल्ट (सेंधा नमक) के इस्तेमाल से होनेवाले फायदे, जिसे जानकर आप इस नमक को अपने किचन का हिस्सा जरूर बनाना चाहेंगे। तो फिर बिना देरी किए आइए सेंधा नमक के सेहत से जुड़े फायदो के बारे में जानते हैं। जिनके बारे में शायद ही आप जानते होंगे.
अगर आप अपने शरीर के वजन को कंट्रोल में रखना चाहते हैं तो फिर ये नमक आपके लिए एक बेहतर विकल्प है. इसके सेवन से मसल्स के कामकाज में सुधार आता है और उन्हें मजबूती मिलती है. इतना ही नहीं इससे मांशपेशियों की ऐंठन भी कम होती है.
हिमालयन साल्ट के पानी से नहाने से हड्डियों और नसों की सूजन को कम करने में मदद मिलती है. इससे मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा होता है. इतना ही नहीं इससे शरीर की खुजली और अनिद्रा की शिकायत भी दूर होती है.
हिमालयन सॉल्ट वेरिकॉज वेन्स, कमर दर्द, टखनों व पैरों की सूजन के रोकथाम में मदद करता है. इसे खाने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का सही संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है.
हिमालयन सॉल्ट से कुल्ला करने पर ओरल हेल्थ में सुधार होता है. सर्दी-खांसी से पीड़ित लोगों को इससे कुल्ला करने से बलगम से राहत मिलती है और फेफड़े साफ होते हैं.
रोजाना सेंधा नमक खाने से आपके शरीर के खोए हुए इलेक्ट्रोलाइट्स को फिर से भरता है और पीएच स्तर को नियंत्रित रखता है। ये रक्त परिसंचरण को उत्तेजित करता है और शरीर में मौजूदा गंदगी और टॉक्सिक मिनरल्स को बहार निकाल देता है।
ये आपके रक्तचाप के स्तर का संतुलन बनाए रखता है।
सेंधा नमक कई दाद और कीड़े के काटे हुए और गाठिया के दर्द से रोगों के उपचारो से निजात दिलाता है। ये हर भारतीय घरों में पाया जाता हैं।
आप शायद इस तथ्य को जानकर चौंक जाएं कि सेंधा नमक वजन कम करने में मदद करता हैं। ये शरीर के फैट सेल्स को कम कर देता है।
जब सेंधा नमक नींबू के रस के साथ लिया जाता है तो पेट के कीड़ो से आराम मिलता है और उल्टियों को भी रोकता है।