Friday , December 20 2024

सिंगापुर कोर्ट की रोक के बावजूद रिलायंस को फ्यूचर ग्रुप से डील पूरा होने का भरोसा

सिंगापुर की एक मध्यस्थता अदालत ने एमेजॉन के पक्ष में फैसला देते हुए फ्यूचर रिटेल और रिलायंस के बीच हो रही डील पर रोक लगा दी है. रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड ने कहा कि वह फ्यूचर के साथ डील समुचित कानूनी सलाह के साथ कर रही है और इसमें पूरी तरह से भारतीय कानूनों का पालन किया जा रहा है. 

सिंगापुर की एक मध्यस्थता अदालत (आर्बिट्रेशन कोर्ट) ने एमेजॉन के पक्ष में फैसला देते हुए फ्यूचर रिटेल और रिलायंस के बीच हो रही डील पर शनिवार को रोक लगा दी है. इसके बावजूद रिलायंस ने भरोसा जताया है कि वह यह डील समय से पूरा कर लेगी. रिलायंस ने कहा कि यह डील वह बिना किसी देरी के और तय हुई शर्तों के मुताबिक ही पूरी करेगी. 

रिलायंस इंडस्ट्रीज के रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (RRVL) ने एक बयान में कहा कि वह फ्यूचर ग्रुप के साथ डील समुचित कानूनी सलाह के साथ कर रही है और इसमें पूरी तरह से भारतीय कानूनों का पालन किया जा रहा है. 

क्या कहा रिलायंस ने

रिलायंस रिटेल ने कहा, ‘रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (RRVL) को यह बताया गया है कि एक इमरजेंसी आर्बिट्रेटर ने फ्यूचर ग्रुप के साथ शेयरहोल्डिंग एग्रीमेंट के तहत एमेजॉन की याचिका पर एक अंतरिम आदेश दिया है. RRVL ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड के एसेट और कारोबार के अधिग्रहण के लिए ट्रांजैक्शन समुचित कानूनी सलाह से किया है और इसमें भारतीय कानूनों के तहत सभी अधिकार और बाध्यताएं लागू हैं.’ 

क्या कहा सिंगापुर कोर्ट ने 

गौरतलब है कि शनिवार को सिंगापुर की एक मध्यस्थता अदालत ने एमेजॉन की याचिका पर सुनवाई करते हुए फ्यूचर ग्रुप द्वारा रिलायंस इंडस्ट्रीज को करीब करोड़ रुपये के एसेट बिक्री पर रोक लगा दी थी. एमेजॉन का आरोप है कि फ्यूचर ने उसके साथ हुए करार का उल्लंघन किया है. इस साल अगस्त में रिलायंस ने फ्यूचर के कारोबार को खरीदने का ऐलान किया था. 

हालां​कि सिंगापुर कोर्ट का यह फैसला अपने आप लागू नहीं होगा और इसके आधार पर अब भारतीय कोर्ट से आने वाले फैसले पर ही इस सौदे का भविष्य निर्भर करेगा. 

क्या है एमेजॉन-फ्यूचर का मसला 

असल में पिछले साल एमेजॉन ने फ्यूचर कूपोन्स लिमिटेड नामक कंपनी में 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी. फ्यूचर कूपोन्स की फ्यूचर रिटेल में 7.3 फीसदी हिस्सेदारी है. एमेजॉन का कहना है कि उसका यह निवेश इस कॉन्ट्रैक्ट की शर्त के साथ हुआ था कि फ्यूचर ग्रुप किसी बिक्री से पहले उससे बात करेगा और उसके इंकार करने पर किसी के साथ डील करेगा, इसी तरह दोनों के आपसी प्रतिस्पर्धा न करने का भी समझौता हुआ है.