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आज दोपहर में लेखपाल आजाद वर्मा फोन किया कि राजस्व टीम आपके यहा आएगी जिसमे आरआइ भी साथ आएगे।जब मैंने अपनी जमीन पर गया तो गुंडो के साथ राजस्व टीम आई थी।
पीड़ित ने कहा कि नाली और चकरोड के बगल में मेरी जमीन 728 गाटा संख्या ढाई बीघे की है। जो खाली जगह है उसमें नाली और चकरोड है।उसके बाद भी पीड़ित की राजस्व टीम एक नही सुनी और बिना पैमाइस टिन सेड की बाउंड्री बिना पूर्व सूचना की तोड़ दी गई। राजस्व टीम बिना पैमाइस के प्रापर्टी डीलर से मोटी रकम लेकर लेखपाल राजस्व टीम को बरगला कर लाखो की नुकसान और बेइज्जत करने का काम किया। आरआइ जितेंद्र सिंह ने नक्शे में देखा कि असली खेल तो दुर्गा यादव,जयप्रकाश यादव और नरेंद्र यादव की प्लाटिंग एरिया में किया गया है।जब दुर्गा यादव और नरेंद्र यादव की प्लाटिंग एरिया में नापी हुई तो गांव से नहर को जोड़ने वाली चकरोड,सरकारी जमीन और तालाब पाटकर प्लाटिंग किया गया। जिसमें सूत्रों से जानकारी मिली है कि उस प्लाटिंग एरिया में लेखपाल आजाद वर्मा भी मोटी रकम लगाकर प्लाटिंग कर रहा है। तहसीलदार ज्ञानेंद्र सिह ने पीड़ित पर हुई कार्रवाई कि जांच कराकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई कि आश्वासन दिया है।
गाटा संख्या 526,528,541,579,542,584,519,553,558,561,573,595,520,534,544,554,557,562,572,576,594 आदि सरकारी भूखण्ड को प्लाटिंग करके बेची जा रही है। इसके लिए लेखपाल आजाद वर्मा द्वारा मोटी रकम ली गई है। सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि इस बेसकीमती सरकारी जमीन के बदले करोड़ो रुपया प्रशासन को दी गई है।