मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल ने शैक्षणिक सत्र 2020-21 की दसवीं-बारहवीं बोर्ड परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक वह सिलेबस में तय नहीं हो पाया है। इसी दौरान प्रमुख सचिव ने मंडल अध्यक्ष के चार्ज में रहते हुए 30 फीसद सिलेबस कटौती के आदेश जारी कर दिए थे, लेकिन बाद में मंडल अध्यक्ष ने उसे स्थगित कर दिया। अब मंडल में 10 नवंबर को पाठ्यक्रम समिति की बैठक होगी, जिसमें नवमीं से बारहवीं तक का सिलेबस तय किया जाएगा।
प्रदेश में कोविड-19 के प्रकोप के चलते अभी तक स्कूल नहीं खोले गए है। 21 सितंबर से पहले नवमीं से बारहवीं तक के स्कूलों को आंशिक रुप से खोलने की अनुमति दी गई। बच्चों को स्कूल भेजने में सिर्फ 5 से 10 फीसद अभिभावकों ने सहमति पत्र दिए हैं। ऐसे में स्कूलों में ऑनलाइन कक्षा के माध्यम से 15 से 20 फीसद ही कोर्स पूरा हो पाया है। हालांकि लोक शिक्षण संचालनालय ऑनलाइन पढ़ाई कराने का दावा करता रहा है, लेकिन मैदानी स्तर विद्यार्थियों की पढ़ाई नहीं हो सकी है। इसके पूर्व स्कूल शिक्षा विभाग ने माध्यमिक शिक्षा मंडल को कोर्स कम करने के लिए पत्र लिखा था, जिस पर मंडल की पाठ्यक्रम समिति कोर्स से किस विषय वस्तु को हटाना है, उस पर विचार कर रही थी।
10 नवंबर को बैठक में होगा निर्णय
वहीं सीबीएसई बोर्ड ने जुलाई में ही 30 फीस कोर्स कम कर पढ़ाई भी शुरू करा दी, लेकिन मप्र बोर्ड में अब तक नहीं हो पाया। बीते अक्टूबर में मंडल अध्यक्ष राधेश्याम जुलानिया एक सप्ताह छुट्टी पर थे। तब प्रमुख सचिव के पास इसका प्रभार था। इस दौरान प्रमुख सचिव ने तीस फीसदी कोर्स कटौती करने के आदेश जारी कर दिए, लेकिन इसमें कोर्स कैसे और क्या कम होगा इसकी कोई प्लानिंग नहीं थी और न कोर्स कम करने का कोई आधार था, इसलिए अध्यक्ष के छुïट्टी से वापस आने के बाद उन्होंने इसे स्थगित कर दिया। अब 10 नवंबर को मंडल की पाठ्यक्रम समिति की बैठक बुलाई गई है, जिसमें कोर्स कटौती पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।