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आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप जारी, किसानों की आमदनी दोगुनी और रोजगार बढ़ाने का दावा

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप का किया विमोचन, मध्य प्रदेश में विकास कार्यों में नहीं आने दी जाएगी धन की कमी, बजट के बाहर से भी राशि का किया जाएगा इंतजाम।

छह माह के लंबे मंथन के बाद शिवराज सरकार ने आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप 2023 तैयार कर लिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को भोपाल के मिंटो हॉल में आयोजित कार्यक्रम में इसे जारी करते हुए कहा कि यह चुनौती को अवसर में बदलने का रोडमैप है। इसमें दावा किया गया है कि किसानों की आय दोगुनी करने के साथ रोजगार के मौके बढ़ाये जाएंगे। इसके लिए निवेश को बढ़ावा देने के साथ कृषि को प्रसंस्करण से जोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि चंबल (अटल प्रोग्रेस वे) एक्सप्रेस वे और नर्मदा एक्सप्रेस वे सिर्फ सड़क ही नहीं बल्कि विकास के मार्ग होंगे। इनके दोनों ओर औद्योगिक पार्क विकसित किये जाएंगे। भोपाल-इंदौर एक्सप्रेस वे को आदर्श बनाया जाएगा। निवेश को बढ़ावा देने के साथ जरूरी धनराशि का इंतजाम बजट के बाहर से किया जाएगा। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम में मंत्री, सांसद, विधायक, कमिश्नर और कलेक्टर शामिल हुए।

खाली हो गया था खजाना

मुख्यमंत्री ने कोरोनाकाल का जिक्र करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के समय हमारे सामने आर्थिक चुनौतियां थीं। एक समय तो ऐसा भी आया था, जब खजाना खाली हो गया था। अधिकारियों ने कर्मचारियों का वेतन काटने का प्रस्ताव दिया पर हमने नकार दिया और किसी भी कर्मचारी का वेतन नहीं रुकने दिया। उधार लेकर काम चलाया पर अब स्थितियां धीरे-धीरे सुधर रही हैं। जहां चाह होती है, वहां राह को निकलना ही होता है। मुख्यमंत्री यह नहीं कह सकता है कि मैं क्या करूं।

प्रत्येक 30 दिन में देनी होगी रिपोर्ट

मुख्यमंत्री ने कहा कि रोडमैप के क्रियान्वयन को लेकर लगातार समीक्षा होगी। प्रत्येक तीस दिन में विभागों को रिपोर्ट देनी होगी। इसके आधार पर मैं समीक्षा करूंगा। विभागीय मंत्री और प्रमुख अधिकारियों से उन्होंने कहा कि रोडमैप को पूरा करने के लिए कार्ययोजना बनाकर काम करें। दीनदयाल उपाध्याय समितियों के माध्यम से रोडमैप के क्रियान्वयन पर गांव-गांव में नजर रखी जाएगी।

खेती को प्रसंस्करण से जोड़कर लाएंगे उन्नति

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती को प्रसंस्करण से जोड़कर आर्थिक उन्नति लाई जाएगी। ओंकारेश्वर जलाशय में सोलर पैनल के माध्यम से बिजली बनाई जाएगी। सिंचाई के लिए जल की एक-एक बूंद का उपयोग करेंगे। किसानों को कल्याण निधि दी जाएगी। गरीबों का राज्य के संसाधन पर बराबरी का हक होगा। बजट में जिसकी जितनी आबादी, उसकी उतनी हिस्सेदारी का फार्मूला लागू करेंगे। स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के साथ महिला सशक्तिकरण पर ध्यान दिया जाएगा। मानसून में पर्यटन को बढ़ाने के लिए बफर में सफर को बढ़ावा दिया जाएगा। अमरकंटक, रामायण सर्किट, तीर्थंकर सर्किट, नर्मदा परिक्रमा, ग्रामीण सक्रिट जैसी थीम पर पर्यटन सर्किट विकसित किये जाएंगे।

तीन साल में देश का अग्रणीय राज्य बनेगा मध्य प्रदेश

नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तारीफ करते हुए कहा कि जब सभी राज्यों का ध्यान कोरोना महामारी पर ही था,तब मध्य प्रदेश ने प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का रोडमैप बनाया। इसके परिणाम हमें आने वाले दिनो में देखने को मिलेंगे। यह विकास का रोडमैप है। मध्य प्रदेश देश के केंद्र में है और यहां लॉजिस्टक हब तैयार किया जा सकता है। निजी क्षेत्र के सहयोग से विकास पर फोकस किया है। मुझे उम्मीद है कि तीन साल में रोडमैप को लागू करके प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में शुमार होगा।

वहीं, खजुराहो से सांसद और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के रोडमैप के विमोचन पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान को पूरा करने में आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का रोडमैप मील का पत्थर साबित होगा। इसका फायदा सभी क्षेत्रों को मिलेगा। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस ने कहा कि चार राष्ट्रीय वेबिनार के माध्यम से देश और विदेश के विशेषज्ञों के साथ मंथन और ऑनलाइन सुझावों पर विचार करने के बाद रोडमैप तैयार किया गया है।