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Amazon को झटका: रिलायंस-फ्यूचर डील को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने दी मंजूरी

रिलायंस समूह ने अगस्त में फ्यूचर समूह के खुदरा, थोक, भंडारण और लॉजिस्टिक कारोबार का अधिग्रहण करने के लिए 24,713 करोड़ रुपये का सौदा किया था. ऐमजॉन इस सौदे का विरोध कर रही है और सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत ने उसके पक्ष में फैसला भी सुनाया था.

अमेरिका की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी एमेजॉन (Amazon) को तगड़ा झटका लगा है. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज और फ्यूचर समूह के सौदे को मंजूरी दे दी है. 

गौरतलब है कि रिलायंस समूह ने अगस्त में फ्यूचर समूह के खुदरा, थोक, भंडारण और लॉजिस्टिक कारोबार का अधिग्रहण करने के लिए 24,713 करोड़ रुपये का सौदा किया था. एमेजॉन इस सौदे का विरोध कर रही है और सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत ने उसके पक्ष में फैसला भी सुनाया था. 

सीसीआई ने शुक्रवार को ट्वीट कर बताया ‘फ्यूचर समूह के खुदरा, थोक, भंडारण और लॉजिस्टिक कारोबार के रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड और रिलायंस रिटेल ऐंड फैशन लाइफस्टाइल लिमिटेड द्वारा अधिग्रहण किए जाने के सौदे को मंजूरी दी गयी.’ सीसीआई बाजार में अनुचित कारोबारी गतिविधियों पर नजर रखने और प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए नियामक की भूमिका अदा करता है.

फ्यूचर-रिलायंस सौदे के खिलाफ एमेजॉन ने कानूनी लड़ रही है. फ्यूचर समूह और एमेजॉन के बीच का मामला दिल्ली हाईकोर्ट में भी विचाराधीन है. फ्यूचर समूह की एमेजॉन के सौदे में हस्तक्षेप करने पर रोक लगाने की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुरक्षित रख लिया. अदालत ने संबंधित पक्षों को इस पर उनकी लिखित प्रतिक्रिया जमा कराने के लिए 23 नवंबर तक का वक्त दिया है.

एमेजॉन ने सेबी से भी इस सौदे की शिकायत की है. सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत ने अपने अंतरिम फैसले में फ्यूचर समूह और मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच 24,713 करोड़ रुपये की डील की समीक्षा करते हुए उस पर रोक लगा दी थी. 

इस साल अगस्त में हुई थी रिलायंस से डील 

रिलायंस इंडस्ट्रीज की सब्सिडियरी कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (RRVL) ने इस साल अगस्त में फ्यूचर ग्रुप के रीटेल ऐंड होलसेल बिजनेस और लॉजिस्टिक्स ऐंड वेयरहाउसिंग बिजनेस के अधिग्रहण का ऐलान किया था. इससे रिलायंस फ्यूचर ग्रुप के बिग बाजार, ईजीडे और FBB के 1,800 से अधिक स्टोर्स तक पहुंच बनाएगी, जो देश के 420 शहरों में फैले हुए हैं. यह डील 24713 करोड़ में फाइनल हुई है.

लेकिन अमेरिका की ई-कॉमर्स कंपनी एमेजॉन ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) और फ्यूचर समूह के बीच की डील पर सवाल खड़े किए. एमेजॉन का आरोप है कि फ्यूचर समूह ने कॉन्‍ट्रैक्‍ट के नियमों को तोड़ा है. इस संबंध में एमेजॉन ने फ्यूचर समूह के प्रमोटर्स को लीगल नोटिस भी भेजा. 

क्या है फ्यूचर और एमेजॉन का रिश्ता 

पिछले साल एमेजॉन ने फ्यूचर ग्रुप की एक गैर-सूचीबद्ध कंपनी फ्यूचर कूपोन्स लि​मिटेड में 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी. साथ ही  कथित रूप से समूह की सूचीबद्ध कंपनी फ्यूचर रिटेल लिमिटेड में राइट टू फर्स्ट रीफ्यूजल की भी डील थी.

इस डील का मतलब यह है कि फ्यूचर में पहले हिस्सेदारी खरीदने का अधिकार एमेजॉन को मिलेगा और उसके इनकार करने पर ही फ्यूचर इसे किसी को बेच सकती है. एमेजॉन का दावा है कि फ्यूचर कूपोन्स के साथ हुआ उसका सौदा समूह को फ्यूचर रिटेल में लेनदेन से रोकता है.