भोपाल:लव जिहाद पर कड़े कानूनी प्रवधान की मांग के बीच मध्य प्रदेश के गृह विभाग ने कानून का मसौदा लगभग तैयार कर लिया है। अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसे अंतिम रूप देंगे। विभाग ने मुख्यमंत्री चौहान से समय मांगा है, पर उनकी व्यस्तताओं के चलते अभी समय नहीं मिल पा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि मुख्यमंत्री के सामने मसौदा जाने के बाद मांगों के अनुकूल मसौदे में बदलाव होंगे। लव जिहाद के बढ़ते मामलों के बीच देश के कई राज्य इसे कानून के दायरे में लाने की कोशिश कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने पांच दिन पहले बाकायदा ट्वीट कर जानकारी दी कि सरकार लव जिहाद पर कानून बना रही है। इसके बाद कानून में कड़े प्रविधान करने की मांग उठने लगी है। मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने भी मुख्यमंत्री चौहान को पत्र लिखकर पांच की बजाय कानून में दस साल की सजा का प्रविधान करने की मांग की है।
कुछ और नेताओं ने भी इसे कठोर कानून की जद में लाने की मांग उठाई है। इस कारण कानून के मसौदे पर एक बार फिर मंथन की स्थिति बन गई है। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री चौहान के साथ गृह विभाग के अधिकारियों की बैठक के बाद मसौदे में बहुत कुछ बदलेगा। इसके बाद संशोधित मसौदा वरिष्ठ सदस्य सचिव समिति और फिर विधि विभाग के पास कानूनी पहलुओं के परीक्षण के लिए भेजा जाएगा।
विधानसभा के इसी सत्र में विधेयक लाने की तैयारी
सरकार लव जिहाद को लेकर विधानसभा के इसी सत्र में विधेयक लाने की तैयारी में है। कोरोना संक्रमण के कारण सत्र आगे नहीं बढ़ा, तो सरकार अगले माह कानून बना देगी। ज्ञात हो कि स्थाई व्यवस्था के तहत विधानसभा का शीतकालीन सत्र दिसंबर माह में बुलाया जाता है, पर पिछले हफ्ते से मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति बिगड़ रही है। ऐसे में सत्र बुलाया जाएगा या नहीं, यह अभी तय होना है।
अभी पांच साल की सजा का प्रावधान
गृह विभाग में तैयार कानून के मसौदे में अभी इस मामले में दोषी को पांच साल की सजा का प्रावधान किया गया है। इस अपराध को गैर जमानती रखा गया है। वहीं इसमें सहयोग करने वालों को भी मुख्य आरोपित की तरह ही सजा के दायरे में लाया गया है।