मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार यानी आज बिहार के सबसे लंबे एम्स-दीघा एलिवेटेड पथ का लोकार्पण करेंगे। इसके साथ ही इस पथ पर वाहनों का आवागमन शुरू हो जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए पथ निर्माण मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि इस पथ पर आवागमन शुरू होने से राजधानीवासियों का चिर-प्रतीक्षित सपना पूरा होगा। यह राज्य की जनता के लिए नई सरकार का पहला उपहार है। इससे पटना सहित उत्तर बिहार की यात्रा सुगम होगी। उत्तर बिहार के लोगों को दक्षिण बिहार और एम्स पहुंचने में ज्यादा लंबी दूरी तय नहीं करनी होगी। वहीं, बिहार राज्य पथ विकास निगम (बीएसआरडीसी) के एमडी संजय अग्रवाल ने बताया कि यह बिहार का सबसे लम्बा ऐलिवेटेड पथ होगा।
उन्होंने बताया कि समारोह का आयोजन खगौल लॉक (लख) के पास रखा गया है। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद एवं रेणु देवी विशिष्ट अतिथि होंगे। अध्यक्षता पथ निर्माण मंत्री स्वयं करेंगे। सांसद रामकृपाल यादव और विधायक भी मौजूद रहेंगे।
प्रमंडलीय आयुक्त ने किया निरीक्षण
उद्घाटन से पूर्व रविवार को प्रमंडलीय आयुक्त सह बिहार राज्य पथ विकास निगम (बीएसआरडीसी) के एमडी संजय अग्रवाल ने निरीक्षण भी किया। तैयारियां भी देखीं। कहा कि इस पथ के शुरू होने से जेपी सेतु से परिचालित होने वाले यातायात को उत्तर बिहार जाने और उत्तर बिहार से नौबतपुर, आरा, बिहटा, एम्स, औरंगाबाद जाने में काफी सहूलियत मिलेगी।
बिहार का सबसे लंबा एलिवेटेड पथ
श्री अग्रवाल ने बताया कि 1289.25 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित 12.27 किलोमीटर लम्बा यह पथ बिहार का सबसे लंबा एलिवेटेड पथ है। पटना-दिल्ली रेललाइन के ऊपर 106 मीटर लंबा रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) इंजीनियरिंग का अनूठा नमूना है। नेहरू पथ पर पूर्व से निर्मित आरओबी के कारण एलिवेटेड पथ की ऊंचाई लगभग 25 मीटर है, जिसका निर्माण अपने आप में काफी चुनौतीपूर्ण था। उसे भी सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया गया। यह पथ व्यवसायिक दृष्टिकोण से भी लाभप्रद होगा। इसके अलावा राजधानी की सड़कों पर दबाव भी कम होगा और लोगों को जाम से भी मुक्ति मिलेगी।