बिहार में अगले साल मिशन पांच करोड़ चलेगा। इसके तहत 2021 में राज्य में पांच करोड़ पौधे लगाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य को पूरा करने का मुख्य दारोमदार पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के साथ मनरेगा के तहत होने वाले पौधरोपण पर रहेगा। जीविका दीदियों की जिम्मेदारी भी बढ़ेगी। मुख्य सचिव के निर्देश के बाद इसकी तैयारी शुरू हो गई है।
मिशन 2.51 करोड़ की सफलता के बाद अब उससे बड़ा लक्ष्य पाने की तैयारी शुरू हो गई है। इस साल बिहार में ढाई करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य था। इस लक्ष्य के सापेक्ष तीन करोड़ 90 लाख पौधे राज्यभर में लगाए गए। राज्य सरकार ने पिछले कार्यकाल में ही जल-जीवन-हरियाली कार्यक्रम शुरू किया था। बीते दिनों इस अभियान की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव ने अगले साल पांच करोड़ पौधे लगाए जाने की बात कही थी। दरअसल सरकार का जोर राज्य का हरित आवरण बढ़ाने पर है। 2022 तक इसे 17 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
बढ़ेगा पौधरोपण का लक्ष्य
इस साल मनरेगा के तहत तकरीबन एक करोड़ पौधे लगाए गए। जबकि जीविका दीदियों ने लगभग 70 लाख पौधरोपण किया था। खुद विभाग ने डेढ़ करोड़़ के करीब पौधे लगाए थे। इस बार पौधरोपण का यह लक्ष्य बढ़ जाएगा। मनरेगा के तहत डेढ़ से दो करोड़ पौधे लगाए जा सकते हैं। इस अभियान में जीविका दीदियों की भूमिका और बढ़ेगी। इसके अलावा विभाग को भी इस बार दो करोड़ से अधिक पौधे लगाने होंगे। इस काम में सरकारी विभागों के साथ ही अन्य सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं की मदद ली जाएगी।
पौधशालाओं की बढ़ी क्षमता
पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग अपनी पौधशालाओं की क्षमता लगातार बढ़ा रहा है। गत वर्ष ही इसकी शुरुआत हो गई थी। कृषि और उद्यान विभाग की जमीन के साथ ही कई और नई नर्सरी विकसित की गई हैं। विभागीय नर्सरियों की भी क्षमता बढ़ाई गई है। फिलहाल विभागीय पौधशालाओं में करीब पांच करोड़ पौधे उपलब्ध हैं। जरूरत फिलहाल बजट की है। बजट मिलते ही तैयारी का सिलसिला तेज हो जाएगा।