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किसान आंदोलन में नया मोड़, कल वार्ता से पहले शाम को अमित शाह का किसान नेताओं को बुलावा

कृषि कानून के विरोध में बुलाया गया किसानों का भारत बंद अब खत्म हो गया है. बुधवार को किसानों और सरकार के बीच होने वाली चर्चा से पहले आज शाम ही गृह मंत्री अमित शाह कुछ किसान नेताओं से मुलाकात करेंगे.

कृषि कानूनों के खिलाफ आज किसानों ने भारत बंद बुलाया था. जैसे ही भारत बंद की मियाद खत्म हुई, तब आंदोलन से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार शाम 7 बजे किसान नेताओं से मुलाकात करेंगे. भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने ये जानकारी दी है. ये मुलाकात तब हो रही है जब बुधवार यानी कल किसान नेताओं और सरकार के बीच छठे दौर की बातचीत होनी है.

राकेश टिकैत के मुताबिक, अभी सभी किसान दिल्ली के सिंधु बॉर्डर जा रहे हैं. उसके बाद शाम को सात बजे गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे. राकेश टिकैत ने बताया कि इस बैठक में 14-15 किसान नेता शामिल हो सकते हैं.

उन्होंने कहा कि हम अपनी मांगों पर अभी भी टिके हैं और गृह मंत्री से उन्हीं मसलों पर बात करेंगे. किसान नेता राकेश टिकैत ने उम्मीद जताई है कि गृह मंत्री के साथ बैठक में कुछ पॉजिटिव निष्कर्ष निकलेगा.

आपको बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह और किसानों नेताओं के बीच ये बैठक तब हो रही है, जब बुधवार को किसानों और सरकार के बीच छठे राउंड की बात होनी है. 

किसान संगठन इससे पहले भी कई बार मांग करते आए हैं कि कृषि कानून के मसले पर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को बात करनी चाहिए. हालांकि, सरकार और किसानों के बीच होने वाली चर्चा में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल सरकार की ओर से अगुवाई कर रहे हैं.

अबतक पांच राउंड की हो चुकी है बात
कृषि कानून के खिलाफ पंजाब और अन्य राज्यों के किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 13 दिनों से डटे हुए हैं. किसान लगातार कृषि कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं और इसको लेकर सरकार के साथ अबतक पांच राउंड की बात हो गई है. किसानों ने पहले ही भारत बंद का आह्वान किया था लेकिन 9 दिसंबर को होने वाली सरकार के साथ वार्ता में शामिल होने की सहमति भी जताई थी.

किसानों ने बुलाया था भारत बंद 
किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में आज भारत बंद बुलाया था. किसान संगठनों ने सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक भारत बंद का आह्वान किया था और शांतिपूर्ण प्रदर्शन की बात कही थी. हालांकि, देश के अलग-अलग हिस्सों में दो दर्जन से अधिक राजनीतिक दलों ने भी भारत बंद का समर्थन किया. किसान संगठनों ने दिल्ली, यूपी, हरियाणा और पंजाब की सीमाओं पर व्यापक प्रदर्शन किया.