बिहार सरकार का आदेश पांच जिले के जिलाधिकारियों ने नहीं माना। परिवहन विभाग की ओर से जारी आदेश की अवहेलना करते हुए डीएम ने ओवरलोडिंग वाहनों के खिलाफ जांच अभियान के लिए टीम गठित नहीं की और न ही विभाग को उसकी कोई रिपोर्ट भेजी। इससे यह पता नहीं चल पा रहा है कि इन जिलों में कितने ओवरलोडेड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई हुई भी या नहीं और अगर हुई है तो कितनी राशि की वसूली हुई। ऐसी स्थिति को चिंताजनक बताते हुए परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने पांचों जिले के डीएम को पत्र भेजा है।
विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि ओवरलोडिंग वाहनों के खिलाफ परिवहन विभाग की ओर से राज्यव्यापी विशेष अभियान चलाया गया। हर जिले की ओर से इस अभियान की रिपोर्ट भी देनी थी। लेकिन पांच जिले भागलपुर, बांका, रोहतास, औरंगाबाद और भोजपुर के डीएम ने इस दिशा में कार्रवाई नहीं की।
पत्र में साफ कहा गया है कि ओवरलोडिंग वाहनों की समस्या राज्यव्यापी है। इससे न केवल जान-माल का नुकसान हो रहा है बल्कि राजस्व का भी नुकसान हो रहा है। सड़कों को भी नुकसान होता है। सड़क सुरक्षा प्रभावित करने वाले कारणों के आधार पर ही वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। इसकी गंभीरता को समझते हुए ओवरलोडिंग वाहनों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है।
विभाग ने डीएम को कहा है कि वे जिला परिवहन पदाधिकारी, मोटरयान निरीक्षक, प्रवर्तन अवर निरीक्षक, खनन पदाधिकारी व माप-तौल की पदाधिकारी की टीम गठित कर ओवरलोडिंग वाहनों के खिलाफ अभियान चलाकर उसकी रिपोर्ट दें।