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बिहार में खाद कालाबाजारी रोकने की कवायद में जुटा कृषि विभाग, ऑफलाइन लाइसेंस आवेदन पर लगाई रोक

बिहार में अब खाद, बीज व कीटनाशी के ऑफलाइन आवेदन पर विचारनहीं होगा। सरकार ने ऐसे लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था सभी जिलों में कर दी है। ऑफलाइन आवेदनों को 31 जनवरी तक निपटा देने का निर्देश कृषि विभाग ने संबंधित अधिकारियों को दिया है। तय समय के बाद एक भी ऑफलाइन आवेदन लंबित रहा तो जिम्मेवार अधिकारी पर कार्रवई होगी। इसी के साथ ऑनलाइन आवेदन पर भी महीने के भीतर अधिकारी को फैसला करना होगा। 

खाद, बीज व कीटनाशक की कालाबाजारी और मिलावट रोकने के लिए कृषि विभाग सख्त हो गया है। इसके लिए डीलरों की नियुक्ति स्तर पर ही कड़ाई शुरू कर दी गई है। खाद, बीज और कीटनाशक बेचने का लाइसेंस लेने के लिए आवेदन अब ऑनलाइन करना होगा। जिलों में नई व्यवस्था लागू कर दी गई। विभाग ने इसकी सूचना सभी संबंधित अधिकारियों के साथ सभी जिला कृषि पदाधिकारियों को भी दे दी है।

नई व्यवस्था में लाइसेंस लेने को इच्छुक व्यक्ति को पहले कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर जाकर अपना आधार कार्ड निबंधित करना होगा। उसके बाद उसे उसी साइट पर फार्म दिखेगा। फार्म के लिंक में मांगी गई पूरी जानकारी देनी होगी। साथ ही सारे कागजात भी स्कैन कर अपलोड करने होंगे। कागजात की सूची भी वहीं मिल जाएगी। आवेदन पूरा करने के बाद उसकी हार्ड कॉपी का प्रिंट ले लेना होगा। हार्ड कॉपी को एक सप्ताह के भीतर संबंधित कार्यालय में जाकर जमा करना होगा। उसके बाद विभाग की प्रक्रिया शुरू होगी। विभाग ने नई व्यवस्था में हर स्तर का समय तय कर दिया है। स्थल जांच से लेकर किरायानामा की जांच के लिए भी समय तय है।

 कुल मिलाकर हार्ड कॉपी जमा करने के एक महीने के भीतर आवेदक को या तो लाइसेंस मिल जाएगा या फिर रद्द किये जाने की सूचना उसे उचित कराण के साथ बताना होगा। यही प्रक्रिया बीज और कीटनाशक के मामले में भी अपनानी होगी। राज्य में खाद की बिक्री में कई तरह की अनियमितताएं हाल ही में पकड़ी गई हैं। बीज और कीटनाशक में भी डीलर मनमानी करते हैं। लाइसेंस क्षेत्र की सीमा से बाहर जाकर खाद बेचने की शिकायत तो आम है। इसके अलावा डीलरों की भी शिकायत रहती है कि उन्हें लाइसेंस देने में परेशान किया जाता है। इन्हीं शिकायतों को दूर कर व्यवस्था को विभाग ने ऑनलाइन कर पूरी तरह पारदर्शी बना दिया है।