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किसानों के समर्थन में बिहार में मानव शृंखला पर रार, तेजस्वी बोले एकजुटता दिखाएं तो मोदी बोले रद्द करे राजद

बिहार में महागठबंधन की ओर से किसान आंदोलन के समर्थन में प्रस्तावित मानव शृंखला को लेकर रार छिड़ गया है। एक ओर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने तीनों कृषि बिलों के खिलाफ किसानों के समर्थन में मानव शृंखला को सफल बनाने की अपील की है। तो वहीं दूसरी ओर भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि दिल्ली में गणतंत्र दिवस की गरिमा को चोट पहुंचाने वाली घटना के बाद राजद को बिहार में 30 जनवरी को प्रस्तावित मानव शृंखला रद्द कर देनी चाहिए। 

किसान विरोधी काले कानूनों के विरुद्ध मानव शृंखला को सफल बनाएं: तेजस्वी
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने तीनों कृषि बिलों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में 30 जनवरी को प्रस्तावित मानव शृंखला को सफल बनाने की अपील की है। बुधवार को किए ट्वीट में तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि किसान गरीबी के दुष्चक्र में फंसा है। बेरोजगारी से नौजवान हताश हैं। छात्र, शिक्षक, अभ्यर्थी, सब एक हो जाएं। उन्होंने आह्वान किया कि किसान विरोधी काले कानूनों के विरुद्ध मानव शृंखला को सफल बनाएं। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि 30 जनवरी, शहीद दिवस पर दोपहर 12 बजे मानव शृंखला के द्वारा किसानों के पक्ष में अपनी एकजुटता का अहसास कराएं।

मानव शृंखला रद्द करे राजद: मोदी
भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया है कि गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान जिस तरह से भीड़ ने हिंसा, तोड़फोड़ और राष्ट्रीय झंडे का अपमान किया, उससे इस संदेह की पुष्टि हुई कि किसान आंदोलन को वामपंथी, खालिस्तानी और टुकड़े-टुकडे गैंग ने हाईजैक कर लिया है। गणतंत्र दिवस की गरिमा को चोट पहुंचाने वाली घटना के बाद राजद को बिहार में 30 जनवरी को प्रस्तावित मानव शृंखला रद्द कर देनी चाहिए। किसान नेताओं को भी 1 फरवरी का संसद मार्च रद्द कर सरकार के प्रस्तावों पर वार्ता शुरू करनी चाहिए।

किसान आंदोलन पर राहुल गांधी को घेरा
बुधवार को ट्वीट कर सांसद ने आरोप लगाया है कि पंजाब के संपन्न बिचौलियों ने किसान आंदोलन के नाम पर न केवल सरकार के सभी प्रस्ताव ठुकराकर गतिरोध और तनाव बनाये रखा, बल्कि देशविरोधी ताकतों से साठगांठ कर भारतीय गणतंत्र के प्रतीक लाल किले पर हमला किया। ट्रैक्टर को टैंक की तरह इस्तेमाल किया गया। तलवारें लहरायी गईं और शांतिपूर्वक प्रदर्शन की शर्तें तोड़कर पुलिस पर हमले किये गए। कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए। हमें गणतंत्र की रक्षा के लिए जान जोखिम में डालने वाले पुलिसकर्मियों पर गर्व करना चाहिए। क्या राहुल गांधी गंभीर रूप से जख्मी जवानों का हाल पूछने जाएंगे? पूरे देश ने दिल्ली में हिंसा का तांडव देखा लेकिन राहुल गांधी ने न हिंसा और तोड़फोड़ की निंदा की, न आंदोलन स्थगित करने की अपील की। राहुल गांधी ने उल्टे हमला कराने का आरोप सरकार पर लगाकर एक बार फिर साबित किया कि उन्हें न सत्य से मतलब है, न अहिंसा से।