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दरभंगा में रैन बसेरा में 20 घंटे तक कैद रहे बुजुर्ग, नगर निगम कर्मियों की लापरवाही से नहीं मिला भोजन-पानी

बिहार के दरभंगा जिले में नगर निगम कर्मियों की लापरवाही से रविवार को एक बुजुर्ग की जान जाते-जाते बची। स्थानीय निवासी 70 वर्ष के मो. कैसर बिना भोजन- पानी के लगभग 20 घंटे तक लालबाग स्थित रैन बसेरा के अंदर बंद रहे। स्थानीय लोगों की तत्परता से उन्हें रैन बसेरा का ताला खोलकर बाहर निकाला गया। बताया जाता है कि मो. कैसर आश्रयविहीन हैं। उनका इस दुनिया में कोई नहीं है। वे इसी रैन बसेरा में रहते थे। 

मालूम हो कि इस रैन बसेरा का संचालन किशोरी नगर महिला स्वावलंबी स्वयं सहायता समूह की ओर से किया जा रहा है। इस समूह में अध्यक्ष पद के दो दावेदार हैं। इसे लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। इसे देखते हुए नगर निगम प्रशासन ने इस रैन बसेरा में ताला लगाकर इसका संचालन खुद करने का निर्णय लिया। रैन बसेरा में ताला शनिवार को लगाया गया। शनिवार को नगर आयुक्त मनेश कुमार मीणा ने कहा था कि इस रैन बसेरा को बंद नहीं किया गया है, इसका हैंडओवर किया गया है। लेकिन हकीकत यह है कि इसमें शनिवार को नगर निगम के कर्मियों ने ताला जड़ दिया था। 

‘हिन्दुस्तान’ के पास रैन बसेरा में ताला जड़ने की तस्वीर भी है। मो. कैसर इसी दौरान रैन बसेरा के अंदर बंद हो गए। रविवार की सुबह करीब 11 बजे स्थानीय लोगों को रैन बसेरा के अंदर से आवाज आती सुनाई दी। इसके बाद लोग वहां पहुंचे और निगम के कर्मियों को बुलाकर ताला खोलकर बुजुर्ग को बाहर निकाला गया। इस संबंध में जानकारी लेने के लिए नगर आयुक्त एमके मीणा के मोबाइल पर कई बार फोन किया गया, पर उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। 

बुजुर्ग को छोड़ा बेसहारा 
स्थानीय युवक राजेश महतो ने बताया कि हम लोग इसी मुहल्ले के रहने वाले हैं। रैन बसेरा के अंदर से लगातार आवाज आ रही थी। जब हम लोग वहां पहुंचे तो देखा कि एक बुजुर्ग अंदर में हैं। इसके बाद हमने निगम कर्मियों को बुलाकर बुजुर्ग को बाहर निकाला। वहीं, स्थानीय वार्ड 20 की पार्षद बेला देवी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि निगम कर्मियों की लापरवाही के कारण एक बुजुर्ग की जान पर बन आयी थी। उन्होंने कहा कि उस बुजुर्ग का कोई नहीं है। वो 20 घंटे से अधिक समय तक रैन बसेरा के अंदर बंद रहे। सरकार ने आश्रयविहीन लोगों के लिए ही रैन बसेरा बनाया है। एक तो वृद्ध को 20 घंटे से अधिक समय तक रैन बसेरा के अंदर बन्द रखा गया, बाद में उन्हें बाहर निकालकर बेसहारा छोड़ दिया गया। निगम को उक्त वृद्ध के रहने के लिए कोई व्यवस्था करनी चाहिए। मालूम हो कि नगर आयुक्त के आदेश पर सिटी मिशन प्रबंधक केशव कुमार को इस रैन बसेरा का संचालन फिर से शुरू करना था, लेकिन कर्मियों की उदासीनता के कारण खबर लिखे जाने तक इसे शुरू नहीं किया गया था।