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Madhya Pradesh News: मप्र खाद्य आपूर्ति अधिकारी संघ ने विभाग के प्रमुख सचिव से की मुलाकात, उठाईं 19 सूत्रीय मांगें

मध्यप्रदेश अधिकारी संघ के प्रदेश भर से आए खाद्य अधिकारियों ने खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के पीएस फैज अहमद किदवई और संचालक तरुण पिथौड़े से मुलाकात की और एक ज्ञापन भी सौँपा। इसमें उन्होंने नवनियुक्त कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों की परिवीक्षा अवधि समाप्‍त करने, विभागीय कैडर का रिव्यू, कनिष्ठ और सहायक आपूर्ति अधिकारियों को एक समान पदोन्नति के अवसर, उपार्जन के लिए अलग से एक्ट बनाने तथा कंप्‍यूटर ऑपरेटर व वाहन सुविधा की उपलब्धता सहित कुल 19 मांगों को रखा। दोनों ही अधिकारियों ने संघ के कार्यकारी प्रांताध्यक्ष अरविन्द सिंह भदौरिया के नेतृत्व में पहुंचे दल से चर्चा भी की। इस दौरान कुछ मांगों पर सहमति बनी है, जिस पर एक सप्ताह के भीतर आदेश जारी हो सकते हैं। संघ के प्रांताध्यक्ष अरविन्द सिंह भदौरिया ने बताया कि सबसे बड़ा मुद्दा कनिष्ठ और सहायक आपूर्ति अधिकारियों की वेतन विसंगति का है, जिसे दूर करने पर अधिकारियों ने अपनी सहमति दी है। बैठक में विभागीय अधिकारी मीना के विरुद्ध कार्रवाई में शासन स्तर से सहयोग एवं नेहा बंसल के विरुद्ध हुई कार्रवाई के संबंध में चर्चा की गई। डीएसओ विदिशा के मैटरनिटी लीव पर होने के बाद भी स्थानांतरण करने का मुद्दा भी उठाया गया।

ये रखी हैं मांगें

– प्रत्येक जिले एवं अनुभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर एवं नवीन हार्डवेयर की तत्काल व्यवस्था हो।

– प्रदेश के 11 वाहन विहीन जिलों में 1 सप्ताह में वाहन उपलब्ध कराएं।

– उपार्जन अवधि में प्रत्येक जिले में की गई खरीदी की मात्रा के आधार पर तीन से चार वाहन की व्यवस्था हो।

– उपार्जन में स्टेशनरी, सत्कार व्यय, ऑपरेटर, हार्डवेयर पंजीयन सहित अन्य व्यय की राशि उपलब्ध कराई जाए।

– सहायक आपूर्ति अधिकारी को जिला आपूर्ति अधिकारी का पदनाम तथा कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी को उसकी वरिष्ठता के आधार पर सहायक आपूर्ति अधिकारी का पदनाम दिया जाए।

– नागरिक आपूर्ति निगम ,वेयर हाउस, मार्कफेड, बैंक को शिकायत स्थानांतरित करने की सुविधा अलग से लॉगिन पर दी जाए।

– पात्रता पर्ची व्यवस्था में सुधार हो। ये पर्चियां माह में 10 से 15 तारीख के बीच जनरेट हों।

– डीजीआरओ से माध्यान्ह भोजन एवं पोषण आहार संबंधी शिकायतों का निराकरण उन्हीं विभागों से कराया जाए।

– उपार्जन में होने वाली अनियमितताओं के लिए एक्ट बनाया जाए।

– पेट्रोलियम एक्ट-2005 में सहायक एवं कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी को निरीक्षण के अधिकार दिए जाएं।

– कोरोना काल में कार्य करते हुए दिवंगत अधिकारी कर्मचारियों के आश्रितों को 2 माह में अनुकंपा नियुक्ति एवं कोरोना वॉरियर राशि का भुगतान किया जाए।