हाड़कंपाती ठंड, गलन एवं ठिठुरन से शुक्रवार को जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। भोर से दोपहर तक घने कोहरे सहित गलन-ठिठुरन बढ़ने से लोगों की जिंदगी की रफ्तार थम गई। घने कोहरे के कारण जहां सड़कों पर चलने वाले वाहन चालक हेड लाइट जला कर रेंगते दिखे, वहीं बाजाराें की रौनक गायब होने से दूकानदार ग्राहकों का इंतजार करते रहे। जिलाधिकारी ने कक्षा एक से आठ तक के सभी विद्यालयों को दो जनवरी तक बंद करने का आदेश दिया। इस दौरान शिक्षको को विद्यालय जाना अनिवार्य किया गया है।
शुक्रवार को पूरे दिन बर्फीली हवाओं के चलने से नगरीय इलाकों सहित ग्राम्यांचलाें के बाजारों में सन्नाटा प
सरा रहा, वहीं सर्दी से बचाव के लोग जतन कर दिखे। दो दिनों से अचानक मौसम का मिजाज बदलने के बाद पड़ रही शीतलहर के बावजूद कहीं अलाव जलवाए जाने की व्यवस्था नहीं है, जिससे लोगों को ठंड से ठिठुरना पड़ रहा है। पूरे दिन सूर्यदेव के दर्शन नहीं होने से लोग अपने-अपने घरों में रजाई व कंबल में ही रहना मुनासिब समझे। नगर में जगह-जगह लोग प्राइवेट व्यवस्था से अलाव जलावा कर तापते नजर आए, वहीं छुट्टा मवेशी भी ठंड से बचाव के लिए भटकते रहे। बाजाराें में स्थित दूकानाें पर ऊलेन कपड़ाें की खरीदारी करने ग्राहकाें का तांता लगा रहा। ठंड बढ़ने से रजाई-कंबल की खरीदारी के साथ ही ग्राहक अलाव जलाने के लिए जलावनी लकड़ी सहित बुरादा, भस्सी व कोयला का भी प्रबंध करते दिखाई दिए। ठंड में लोग मफलर, दास्ताना, जैकेट, कोट, शाल, स्वेटर आदि पहन कर ही जरूरी कार्यवश बाहर निकले। रेलवे स्टेशन, जिला अस्पताल, प्राइवेट बस स्टैंड, प्रमुख बाजाराें एवं चौराहाें पर अलाव की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से लोग ठंड से ठिठुरते दिखे।
शुक्रवार को पूरे दिन बर्फीली हवाओं के चलने से नगरीय इलाकों सहित ग्राम्यांचलाें के बाजारों में सन्नाटा प
