लखनऊ, धर्मेन्द्र तिवारी(ब्यूरो चीफ) 10 दिसम्बर । बलिया सदर विधान सभा में आगामी विधायकी चुनाव दिलचस्प मोड़ पर आते दिख रही है क्योकि यादव कुनबे में मची घमासान में नारद राय शिवपाल सिंह के साथ थे तो बलिया नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष लक्षमण गुप्ता मुशीबत की घड़ी में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिए लखनऊ की सड़को पर संघर्ष करते दिखे ।अखिलेश यादव का लगाव लक्षमण गुप्ता के प्रति बढ़ी है । दूसरी तरफ नारद राय को अखिलेश यादव पसन्द नही करते है । बलिया सपा का बड़ा धड़ा नारद राय का विरोध कर रहा है और लक्षमण गुप्ता के पक्ष में खड़ा है ।
सियासी गलियारों में इस समय सपा की टिकट बटवारे मे तनाव की चर्चा है । शिवपाल के बयान से गतिरोध बढ़ता जा रहा । अखिलेश युवाओ व साफसुथरी छवि वाले अपने भरोसन्द को टिकट दिलाना चाहते है,तो दूसरी तरह सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव अपने पुराने भरोसेमन्द को टिकट देना चाहते है ।
सूत्रो की माने तो अखिलेश यादव शिवपाल यादव से साफ़ -साफ़ कह दिए है की बलिया सदर से लक्षमण गुप्ता को विधान सभा की टिकट दी जाए । इस सम्बन्ध में जब लोकनिर्माण टाइम्स के सवांदाता ने गुप्ता से सवाल किया तो उन्होंने कहा की नेता जी व मुख्यमंत्री जी का जो आदेश होगा वह सहस्र स्वीकार है । अभी मुझे कोई इस सम्बन्ध में जानकारी नही है । लेकिन इतना तो तय है की नारद राय को सपा चुनाव लड़ाने की गलती की तो बलिया सदर की सीट नही निकल पाएगी, क्योकि बलिया में विकास का कोई काम नही हुआ केवल विकास के धन की बंदरबाट हुआ है । इसलिए पार्टी नेतृत्व से इतना कहूँगा बलिया की जनता के भावनाओ को ध्यान में रखते हुए टिकट दी जाए। जब उनसे पूछा गया की मुख्यमंत्री की तरफ से कोई आश्वासन मिला है टिकट के लिए ,तो गुप्ता ने कहा की इस रहस्य को पर्दे में रहने दीजिए ।इस सम्बन्ध में नारद राय से पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन सम्पर्क नही हो पाया।लक्षमण गुप्ता के दावो को बल इसलिए भी मिलता है की बलिया सदर विधान सभा में वैश्य वर्ग का 62 हजार मतदाता है जिसका बड़ा हिस्सा लक्षमण गुप्ता का समर्थन करता है ।