नए साल का जश्न पूरे जिले में रविवार धूमधाम से मनाया गया। नोटबंदी के बावजूद जश्न में कोई कमी नहीं दिखी। रात भर पटाखों की गूंज जहां पूरा शहर गूंज उठा वहीं सुबह होते ही युवा डीजे की धुन पर नाचते-गाते पिकनिक स्थलों के लिए निकल पड़े। चारपहिया वाहनों पर डीजे की धुन पर नाचते-गाते युवा पूरे दिन नए साल के जश्न में डूब रहे।
वर्ष 2017 का आगाज बहुत ही उत्साह के साथ हुआ। नए साल का जश्न गांव से लेकर शहर तक में देखने को मिला। सुबह होते ही लोग एक दूसरे को नए साल की शुभकामनाएं देते रहे। ठंड के बावजूद बाजार काफी गर्म दिखा। शहर के विभिन्न पार्कों में युवा डीजे की धुन पर खूब नाचे। सड़कों पर भी काफी उत्साह देखा गया। रामलीला मैदान की स्थिति यह रही की यहां उम्मीद से काफी भीड़ रही। प्रदर्शनी में बच्चों की संख्या इतनी बढ़ गई कि दस यहां झूला तथा बच्चों के लिए लगे विभिन्न प्रकार के मनोरंजन के साधनों का टिकट 10 रुपये की जगह 30-30 रुपये में बिका। नए साल के उमंग में बच्चे दिन में भी आतिशबाजी किए। मंदिरों पर पूजा के लिए लंबी लाइने रही। वहीं जलकल रोड स्थित फूल बाजार में वाहनों व घरों को सजाने के लिए खूब फूल बिके।
बरहज कार्यालय के अनुसार नव वर्ष रविवार को क्षेत्र में धूमधाम से मनाया गया। खासकर युवाओं पर नव वर्ष का खुमार छाया रहा। लोगों ने फोन, ह्वाट्सएप व पुष्प देकर एक दूसरे को नव वर्ष की बधाई दी। जगह-जगह कार्यक्रमों का आयोजन हुआ।
सरयू नदी का तटीय क्षेत्र पिकनिक स्पाट नजर आया। नव वर्ष का जश्न मनाने बड़ी संख्या में युवा नदी तट पर पहुंचे। फुल व गुब्बारे से सजी गाड़ियां आकर्षण का केंद्र रहीं। गाड़ियों को सजाने में पांच सौ से लेकर तीन हजार रुपये तक युवाओं ने खर्च किया। युवाओं के बीच फूलों के जबरदस्त मांग के चलते दुकानदारों की चांदी रही। लाल व सफेद गुलाब 15 से 20 रुपये में बिके।
सलेमपुर कार्यालय के अनुसार शनिवार की आधी रात को लोगों ने वर्ष 2016 को अलविदा कहते हुए 2017 का धूमधाम से स्वागत किया। सलेमपुर के मुरली मनोहर मंदिर प्रेम वृंदावन में फूलों की होली के साथ नए वर्ष का स्वागत किया गया तो युवा पूरी रात डीजे के धुन पर थिरकते रहे। उधर रविवार को मझौलीराज उपनगर स्थित दीर्घेश्वर नाथ मंदिर पहुंच लोगों ने पिकनिक मनाया और पूजा-अर्चन भी किया।
मुरली मनोहर मंदिर में लोगों ने खेली फूलों की होली
सलेमपुर के मुरली मनोहर मंदिर प्रेम वृंदावन में वाराणसी से मंगाए गए फूलों की होली खेली गई और नए वर्ष का स्वागत किया गया। इस दौरान गुरुवेद प्रकाश, शंभू दयाल गुप्त, ओंकार नाथ, रतन चंद्र रौनियार, रामविलास तिवारी, संजय गुप्त, पदमनाथ, रतन गुप्त, राधा रंग प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। नगर के विभिन्न जगहों पर डीजे लगाया गया था और युवा डीजे की धुन पर थिरक कर नए साल का स्वागत किया और पटाखा फोड़ा। सुबह लोग तैयार हुए और पिकनिक मनाने के लिए चल दिए। अधिकांश लोग अपने वाहनों को सजाने के साथ ही कुशीनगर चले तो कुछ लोग परिवार के साथ मझौलीराज के दीर्घेश्वर नाथ मंदिर पहुंचे और भगवान शंकर की पूजा-अर्चन करने के बाद पिकनिक मनाया।
रुद्रपुर कार्यालय के अनुसार नव वर्ष के पहले दिन उपनगर स्थित पौराणिक तीर्थस्थली बाबा दुग्धेश्वरनाथ मंदिर सहनकोट देवी सहित अन्य स्थलों पर लोगों ने दर्शन कर मन्नत मांगा। नववर्ष के स्वागत की खुशी में लोगों ने पकवान भी बनाए। वहीं मंदिर के पश्चिम छोर पर स्थित सहनकोट पर पिकनिक मनाने की भीड़ लगी रही। जहां युवाओं की भीड़ देखी गई। पूरे दिन मंदिर में बाबा दुग्धेश्वरनाथ का जयघोष होता रहा। उपनगर में रात के 12 बजे के बाद से ही लोग 2016 की विदाई के उपलक्ष्य में पटाखे व डीजे की धुन पर थिरकते रहे। सुबह नए वर्ष पर लोग एक दूसरे को बधाई देने में जुटे रहे। जबकि अनेक युवा वाहनों पर सवार होकर डीजे बजाते हुए अन्य स्थानों की ओर नाचते-गाते देखे गए।
भाटपाररानी कार्यालय उपनगर समेत ग्रामीण अंचलों में नव वर्ष को लेकर नौजवानों में खासा उत्साह देखा गया। शनिवार की रात जैसे ही घड़ी की सुई ने 12 बजाया नौजवान डीजे की धुन पर थिरक उठे। मालवीय रोड, थाना रोड समेत कई मोहल्लों में जगह-जगह गुब्बारा व डीजे लगाकर युवाओं ने नव वर्ष का स्वागत किया। रविवार को सुबह से लेकर शाम तक मोबाइल फोन व घर पहुंचकर बधाई देने का सिलसिला जारी रहा। रविवार को धूप खिलने के कारण उत्साह से लबरेज युवाओं का हौसला सातवें आसमान पर रहा। दोपहिया व चारपहिया वाहन से दर्जनों की संख्या में युवक गोरखनाथ मंदिर व कुशीनगर पर्यटन के लिए निकले। वाहनों से गुब्बारे से सजाकर उस पर साउंड बांधकर धमाल करते हुए युवाओं को जाते देखा गया। घरों में पकवान बनाकर लोगों ने अपना नव वर्ष मनाया और अतिथियों का स्वागत किया।