समाजवादी पार्टी में पिता-पुत्र के बीच पार्टी पर कब्जे को लेकर चल रहे शह और मात के खेल में सोमवार को पूरे दिन पार्टी के जिला कार्यालय पर गहमागहमी रही। एक दिन पहले हवलदार यादव की जगह पर जिलाध्यक्ष घोषित किए जाने से कार्यालय पर कब्जे की कोशिशों की आशंका पर प्रशासन ने फोर्स भी तैनात कर दिया।
सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र में वैसे तो सीएम अखिलेश यादव के विरोधी के तौर पर उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित होने के बाद से कोई नहीं दिख रहा। लेकिन अखिलेश यादव के समर्थन में हवलदार यादव के इस्तीफा देने के बाद रविवार को शिवपाल यादव की ओर से इंद्रजीत यादव का नाम जिलाध्यक्ष के तौर पर घोषित किए जाने से थोड़ी गरमाहट पूरे दिन मची रही। पुलिस प्रशासन को कहीं से खबर मिली कि इंद्रजीत यादव समर्थकों के साथ पार्टी कार्यालय पर काबिज होने जा रहे हैं। इसी खबर के बाद हरकत में आए प्रशासन ने किसी भी तरह के संघर्ष की आशंका को देखते हुए वज्र वाहन के साथ फोर्स कार्यालय पर तैनात कर दिया। दोपहर 12 बजे इस खबर के आते ही मौजूदा जिलाध्यक्ष हवलदार यादव के समर्थक पार्टी कार्यालय पर पहुंच गए। उनका कहना था कि जब शिवपाल यादव द्वारा इंद्रजीत यादव को अध्यक्ष बनाने की कोई वैधानिकता नहीं है।
लेकिन आशंका के अनुरूप कुछ नहीं हुआ। एक दो समर्थक इंद्रजीत के जरूर आए लेकिन हवलदार समर्थकों की बड़ी संख्या देख कार्यालय के अंदर नहीं गए। वहीं दूसरी ओर जिले के सभी विधायक मंत्री जिलाध्यक्ष समेत ज्यादातर छोटे बड़े नेता लखनऊ में ही कैंप किए हुए हैं। जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने कहा कि मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है मै अभी लखनऊ से लौट रहा हूं। पार्टी कार्यालय पर जिला मीडिया प्रभारी व सचिव एसके सत्येन, डा हरिराम यादव्र शर्मानंद पांडेय,वेद प्रकाश यादव, संजय दूबे, अशोक राजभर समेत दर्जन भर से अधिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।