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बलिया :विभाग से वेतन जारी, कर्मियों को मिला ही नहीं

लिया : स्वास्थ्य विभाग में पिछले कई वर्षों से ब्लाक प्रोजेक्ट मैनेजर व डाटा इंट्री आपरेटर के पद पर कार्यरत 34 कर्मी सात माह से मानदेय के लिए गली-गली खाक छान रहे और इनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसे में तैनात यह कर्मी इसको लेकर कभी विभाग तो कभी शासन के पास दौड़ रहे हैं। बड़ी बात है कि इन कर्मियों के मानदेय से संबंधित बजट स्वास्थ्य विभाग जून से ही जारी कर रहा पर यह कर्मियों तक पहुंच ही नहीं रहा है। इन कुल कर्मियों के करीब सात माह के मानदेय को मिला कर लगभग 40 लाख रुपये का मामला है। बताना लाजिमी है कि संविदा पर कार्यरत इन सभी कर्मियों का चयन एजेंसी के तहत हुआ और इनका भुगतान भी इनके माध्यम से ही होता है। विभाग एजेंसी को बजट भेजता और वह इनका भुगतान करती है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग तो प्रतिमाह कर्मियों के मानदेय से संबंधित बजट जारी करता रहा पर कर्मियों तक यह पहुंचा ही नहीं। ऐसे में यह रुपये कहां गए और इससे कर्मियों का भुगतान क्यों नहीं किया गया यह बताने वाला कोई नहीं है। बड़ी बात है कि जून से कर्मी लगातार काम रहे और विभाग विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन भी इन्हीं के माध्यम से कर रहा है। ऐसे में बिना मानदेय के ही सात माह से काम कर रहे कर्मी भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। विभाग में जाने पर अधिकारी कहते हैं कि हमने मानदेय जारी कर दिया है और एजेंसी के यहां जाने पर वहां कुछ स्पष्ट पता ही नहीं चलता। ऐसे में कर्मी अपने मानदेय के लिए कहां जाएं यह समझ ही नहीं पा रहे हैं। संविदा पर कार्यरत कर्मी इस तरह स्थिति में पूरी तरह बेबस हो गए हैं।

कर्मियों को हटाने की तो नहीं योजना

कर्मियों का कहना है कि मार्च में संविदा की मियाद पूरी होने वाली है। ऐसे में लगातार वेतन रोक कर एजेंसी सीधे हटा भी सकती है। ऐसे में लगातार काम करने के बाद मानदेय तो मिला नहीं नौकरी पर भी दाव लग गया है। इस तरह के पशोपेश में कर्मी और भी परेशान हो गए हैं।

कर्मियों का मानदेय विभाग से जारी कर दिया गया है। इसमें उनका वेतन एजेंसी से रुका है जिसकी पड़ताल की जा रही है।

डा.पीके ¨सह, सीएमओ

कर्मियों का मानदेय प्रतिमाह एजेंसी को दिया गया है। इसमें वह कर्मियों को वेतन क्यों नहीं दे रहे यह समझ में नहीं आ रहा है। फिलवक्त मामले को शासन तक पहुंचा दिया गया है।