अक्सर टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में अगर टीम को जीत के लिए 35 रनों की दरकार होती है, तो हम सभी यह मान लेते हैं कि गेंदबाजी टीम की जीत निश्चित है। लेकिन, क्रिकेट को यूं ही नहीं अनिश्चिताओं का खेल नहीं कहा जाता है, यहां कब और कैसे मैच पलट जाए यह अनुमान लगाना बड़ा मुश्किल है। कुछ ऐसे ही एक मैच देखने को मिला स्टील्स टी-20 टूर्नामेंट के फाइनल में, जहां नॉर्थर्न आयरिश क्लब के बल्लेबाज जॉन ग्लास ने फाइनल मैच के आखिरी ओवर में छह गेंदों पर छह सिक्स जड़कर अपनी टीम को यादगार जीत दिलाई
क्रेगाघो के खिलाफ खेले गए स्टील्स टी-20 टूर्नामेंट के फाइनल मैच में बालीमेना क्लब को जीत के लिए आखिरी ओवर में 35 रन बनाने थे। क्रीज पर कप्तान जॉन ग्लास 51 रन बनाकर खड़े थे, लेकिन टीम को इस मैच को जीतने के लिए अब किसी चमत्कार की जरूरत थी। वो चमत्कारी पारी निकली खुद कैप्टन के बल्ले से। ग्लास ने पारी के आखिरी ओवर की हर गेंद पर छक्का जड़ा और वो काम कर दिखाया जो क्रिकेट के इतिहास में महज चंद बार ही हुआ है। ग्लास ने ओवर से 36 रन बटोर कर टीम को खिताब जिताया और वह 87 रन बनाकर नाबाद पवेलियन लौटे।
इससे पहले क्रेगाघो की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 7 विकेट के नुकसान पर 147 रन बनाए। बालीमेना को ऐतिहासिक जीत दिलाने वाले जॉन ग्लास के बड़े भाई सैम ग्लास ने बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए मैच में हैट्रिक ली। उन्होंने लगातार तीन गेंदों पर क्रेगाघो के बल्लेबाज मूरी, हंटर और टीम के कप्तान आरोन जॉनस्टोन को चलता किया। लक्ष्य का पीछा करते हुए बालीमेना की शुरुआत भी खराब रही और 19वें ओवर तक पहुंचते-पहुंचते टीम ने 113 रनों पर अपने 7 विकेट गंवा दिए। हालांकि, आखिरी ओवर में कप्तान के छह छक्कों ने टीम को जीत दिला दी।