लखनऊ से बलिया तक मुख्य मार्ग के चौड़ीकरण में बाधा बन रहे मकान व दुकानों के ध्वस्तीकरण के लिए प्रशासन ने मंगलवार को अंतिम चेतावनी दी है। लोक निर्माण विभाग की ओर से मंगलवार को चिन्हित मकानों पर नोटिस चस्पा की गई। प्रशासनिक कार्रवाई के भय से लोग स्वंय अतिक्रमण के जद में आ रहे अपने आशियाने को तोड़ने में जुट गए हैं। लखनऊ-बलिया राज्यमार्ग संख्या 34 को फोर लेन बनाने का आदेश शासन स्तर से पारित हो गया है। मुख्यमंत्री की ओर से किए गए इस मार्ग के शिलान्यास के साथ ही निर्माण के लिए संबंधित विभाग को बजट भी भेज दिया गया है। जिले में पहलवान तिराहा हरबंशपुर से हरैया बार्डर तक फोर लेन सड़क बनाने का कार्य प्रगति पर चल रहा है। उक्त मार्ग के चौड़ीकरण के लिए सीमांकन करने के बाद प्रशासन ने आठ माह पूर्व अतिक्रमण की जद में आ रहे मकान, दुकान आदि को चिन्हित कर उसे हटाने के लिए लालपेंट से निशान लगाया था। चिन्हिकरण के बाद भी लोगों ने अभी तक नहीं हटाया। ऐसे में जिला प्रशासन के आदेश पर लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता ने चिन्हित किए गए मकान, दुकान आदि को हटाने के लिए मंगलवार को अंतिम चेतावनी देते हुए नोटिस चस्पा कराया। नोटिस चस्पा की कार्रवाई शहर के नरौली मुहल्ला से लेकर जिले के सीमावर्ती गांव हरैया तक एक साथ हुई। नोटिस चस्पा होते ही अतिक्रमणकारियों में खलबली मच गई। लोक निर्माण विभाग के साइड इंचार्ज फौजदार यादव का कहना है कि 11 जनवरी तक जो लोग अपना अतिक्रमण स्वंय नहीं हटाए तो प्रशासन खुद ही तोड़कर हटवा देगा। प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटवाने पर संबंधित अतिक्रमणकर्ता से उस कार्य के लिए खर्च होने वाले व्यय की वसूली की जाएगी। प्रशासन की अंतिम चेतावनी से भयभीत अधिकतर लोग स्वंय अपने मकान व दुकान को तोड़ने में जुट गए हैं।