पहले साथ, फिर अलग अब फिर साथ आने के लिए बातचीत। समाजवादी पार्टी इसी राह पर चल रही है। उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े ‘राजनीतिक परिवार’ समाजवादी पार्टी में जारी वर्चस्व की लड़ाई के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अध्यक्ष पद से ‘बेदखल’ किए गये मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की। यह बैठक करीब एक घंटे तक चली।
लखनऊ में हुई बैठक में सुलह के रास्ते तलाशे गये। सूत्रों के मुताबकि, मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे अखिलेश यादव को आश्वस्त किया कि वह पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री उम्मीदवार के चेहरे हैं। वहीं वह (मुलायम) अध्यक्ष बने रहेंगे।
सूत्रों के मुताबिक, मुलायम ने अखिलेश यादव से आग्रह किया कि वह चुनाव आयोग में दिये गये हलफनामे को वापस लें। सूत्र ने कहा, ‘बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि मुलायम पार्टी की जिम्मेदारी संभालें जबकि अखिलेश राज्य की कमान रखें।’
सूत्रों के अनुसार, अखिलेश-रामगोपाल और मुलायम-शिवपाल गुटों के बीच जल्द सुलह का ऐलान हो सकता है।
सोमवार को मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद अखिलेश यादव ही प्रदेश के मुख्यमंत्री होंगे। पार्टी के टूटने के सवाल पर मुलायम ने कहा, ‘ऐसा होने का कोई मतलब ही नहीं है। हम सब एक है और हम जल्द ही चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगे।’ मुलायम ने कहा, ‘पार्टी की एकता के लिए पूरा प्रयास है और पार्टी टूटने का सवाल ही नहीं है।’
इससे पहले मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि मैं ही पार्टी अध्यक्ष हूं। जिसके बाद यह अटकलें लगाई जा रही थी कि अब समाजवादी पार्टी में सुलह की संभावना नहीं बची है।
पिछले दिनों अखिलेश यादव और उनके सलाहकार चाचा ने पार्टी में ‘तख्तापलट’ कर मुलायम सिंह यादव को अध्यक्ष पद से हटा दिया था। जिसके बाद मुलायम और अखिलेश खेमे चुनाव चिह्न को लेकर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है।