कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से नाश्ते पर बुलाई गई मीटिंग के बाद विपक्षी नेता साइकिलों से ही संसद भवन के लिए रवाना हो गए। शिवसेना, एनसीपी, आरजेडी और सीपीआई समेत कई नेताओं ने राहुल गांधी की मीटिंग में हिस्सा लिए और फिर एक साथ ही संसद के लिए निकले। इस मीटिंग के दौरान राहुल गांधी ने विपक्षी नेताओं से एकजुट रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि यदि हम लोग विपक्ष के तौर पर एकजुट रहेंगे तो फिर आरएसएस और बीजेपी हम लोगों की आवाज को दबा नहीं सकेंगे। राहुल गांधी ने कहा, ‘हमें इस आवाज(लोगों की आवाज) को एकजुट करना होगा, ये आवाज जितनी एकजुट होगी उतनी ही मजबूत होगी। और भाजपा और आरएसएस के लिए इस आवाज को दबाना उतना ही मुश्किल होगा।’ यह पहला मौका था, जब राहुल गांधी ने इस तरह से समूचे विपक्ष को एकजुट करने का प्रयास किया। उन्होंने विपक्षी दलों के नेताओं को कांस्टीट्यूशन क्लब में नाश्ते पर आमंत्रित किया।इसमें महाराष्ट्र से शिवसेना और एनसीपी समेत देश भर की कई सियासी पार्टियों ने हिस्सा लिया। इनमें समाजवादी पार्टी, सीपीआई, सीपीआईएम, जेएमएम समेत कई अन्य दल शामिल रहे। हालांकि दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी और मायावती की बीएसपी ने इस मीटिंग से दूरी बनाए रखी। इन दोनों दलों की ओर से मीटिंग में हिस्सा लेने या न लेने को लेकर कोई प्रतिक्रिया भी सामने नहीं आई है।आमतौर पर यूपीए और उससे इतर विपक्षी दलों की एकजुटता के लिए सोनिया गांधी ही अब तक प्रयास करती रही हैं, लेकिन अब राहुल गांधी का इस दिशा में कदम उठाना बताता है कि वे ड्राइविंग सीट पर आ चुके हैैं। विपक्षी दलों की मीटिंग के बाद राहुल गांधी ने साइकिल मार्च की भी अगुवाई की और गैस एवं पेट्रोल-डीजल के खिलाफ प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन दर्ज कराया। बता दें कि राहुल गांधी की हाल ही में टीएमसी चीफ ममता बनर्जी से भी मुलाकात हुई थी।