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महंगाई से राहत: थोक मुद्रास्फीति दर में गिरावट, जुलाई में 11.16 फीसदी रहा WPI

Wholesale Inflation Rate: भारत सरकार ने थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी कर दिए हैं। जून के मुकाबले जुलाई गिरावट देखी गई है, जोकि राहत भरी खबर है। सरकार के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार जून में थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति दर घटकर 11.16 प्रतिशत रही। जून में यह 12.07 प्रतिशत थी। यह लगातार चौथा महीना है जब डब्लूपीआई दोहरे अंक में रही। 

खुदरा मुद्रास्फिति में भी गिरावट 

जुलाई महीने में खुदरा महंगाई नरम पड़कर 5.59 फीसदी रही।  उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति एक माह पहले जून में 6.26 फीसदी और एक साल पहले जुलाई महीने में 6.73 फीसदी थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक जुलाई महीने में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर धीमी पड़कर 3.96 फीसदी रही जो इससे पूर्व माह में 5.15 फीसदी थी।

आरबीआई का ये है अनुमान

भारतीय रिजर्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत में जारी मौद्रक नीति समीक्षा में 2021-22 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक महंगाई दर के 5.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया। आरबीआई के अनुसार मुदास्फीति में घट-बढ़ की जोखिम के साथ दूसरी तिमाही में इसके 5.9 फीसदी, तीसरी तिमाही में 5.3 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी रहने की संभावना है। अगले वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में इसके 5.1 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है।