मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि जातीय जनगणना पर हमारी मांग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नकारा नहीं है। उन्होंने जवाब लिखा है कि आपका पत्र मिला।उन्होंने अस्वीकार नहीं किया है कि नहीं मिलेंगे। इसलिए हम इंतजार करेंगे। जब पीएम उचित समझेंगे, मिलने का समय देंगे। पीएम से बातचीत में जो चीजें सामने आएंगी, उसको लेकर आपस में बैठकर सबों से बातचीत की जाएगी। इसलिए जब तक ये सब नहीं हो जाता है, इस पर हम कोई नई बात नहीं कहेंगे।
मुख्यमंत्री सोमवार को जनता दरबार के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि हमने तीन अगस्त को पत्र लिखकर समय मांगा था, जो चार अगस्त को पीएम कार्यालय को प्राप्त हुआ। उन्होंने 12 अगस्त को पत्र लिखा है, जो मुझे 13 अगस्त को प्राप्त हुआ है। हम चाहते हैं कि जातीय जनगणना हो। फैसला केंद्र सरकार को लेना है।
एक पत्रकार ने सवाल किया कि जातीय जनगणना के बाद हो सकता है कि जो 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा है, उसे और अधिक करने के लिए मांग उठेगी। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि काहे नहीं। सबके विकास के लिए जो जरूरी चीज होगी, एक बार आंकड़ा आ जाएगा तभी अच्छे ढंग से बात होगी। एक बार अलग-अलग जातियों की जानकारी हो जाएगी तो उनके संरक्षण और आगे बढ़ाने के लिए बेहतर काम कर सकेंगे।