भारतीय क्रिकेट टीम में जम्मू कश्मीर का प्रतिनिधित्व करने वाले राज्य के पहले और एकमात्र क्रिकेटर परवेज रसूल ने अपने ऊपर लगे चोरी के आरोपों को सिरे नकार दिया है। जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) ने परवेज पर पिच रोलर चोरी करने का आरोप लगाया है और इसके लिए नोटिस भेजकर उनसे जवाब भी मांगा है। जेकेसीए का कहना है कि परवेज पिच रोलर वापस करें नहीं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। परवेज ने इस मामले में अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से दखल देने की मांग की है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा है कि वह अपने भविष्य को लेकर सोचने पर मजबूर हो गए हैं।परवेज ने द ‘इंडियन एक्सप्रेस’ से बातचीत में कहा, ‘उन्होंने पहले कहा कि पुलिस कार्रवाई की जाएगी। फिर मेल में कहा, क्या हमारे पास उसे खत्म करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। इसका मतलब यह है कि तुम यहां मुझे नीचा दिखाने आए हो? उनका इरादा अलग दिखता है।’ रसूल ने खुद के साथ हो रहे इस तरह के बर्ताव को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने अब इस मामले में बीसीसीआई से दखल देने की मांग की है। परवेज ने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि बीसीसीआई इस मामले में दखल दे। मुझे अपने भविष्य के बारे में सोचने पर मजबूर किया जा रहा है।’ परवेज ने साथ ही यह भी आरोप लगाया कि जेकेसीए के एक अधिकारी ने ट्वीट किया कि रसूल के लिए एक लंबी रस्सी रखी जानी चाहिए ताकि उन्हें फांसी दी जा सके। अधिकारी ने बाद में ट्वीट को डिलीट कर दिया। उन्होंने कहा, ‘ अधिकारी ने इसे बाद में डिलीट कर दिया लेकिन मेरे पास इसका स्क्रीनशॉट है। क्या कोई मुझे बता सकता है कि मैंने क्या गलत किया है कि मुझे फांसी देने की जरूरत है? यदि आपको कोई संदेह है, तो उनके पास मेरा फोन नंबर है, वे मुझे कॉल कर सकते हैं। इसे स्पष्ट करने में केवल कुछ सेकंड लगे लेकिन ऐसा लगता है कि वे मुझे प्रताड़ित करना चाहते थे।’ बीसीसीआई की तीन सदस्यीय कमिटी के मेंबर अनिल गुप्ता ने इस मामले में कहा कि परवेज को यह नोटिस मिला है, क्योंकि जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के रजिस्टर में उनका नाम मौजूद था और बाकी जिलों के एसोसिएशन का मेलिंग पता उपलब्ध नहीं था। उन्होंने कहा कि जिले के हर एसोसिएशन को इस मामले को ध्यान में रखते हुए मेल किया गया है जिनके पास भी बोर्ड की मशीन थी।हालांकि ऑलराउंडर का कहना है कि ऐसा लगता है कि यह नोटिस बाद में भेजा गया था क्योंकि उन्हें पहली नोटिस कभी नहीं मिली थी। परवेज ने कहा, ‘ उन्होंने कहा कि यह (नाम) उनकी रिकॉर्ड बुक में है। अगर यह रिकॉर्ड बुक में है तो मुझे पहला नोटिस क्यों नहीं भेजा गया। इसके बजाय मुझे दूसरा नोटिस भेजा गया। इसका मतलब है कि यह एक बाद का प्लान था। उनके साथ एक रसीद होनी चाहिए? अगर आपको लगता है कि कोई इसका सही इस्तेमाल नहीं कर रहा है, तो आप उन्हें लिखें, न कि ऐसे क्रिकेटर को जिसका इससे कोई लेना-देना नहीं है। मैंने क्रिकेट को जुनून और कड़ी मेहनत से खेला है। वे अब मुझे मेरे भविष्य के बारे में सोचने के लिए मजबूर कर रहे हैं। मैं यहां क्रिकेट खेलने आया हूं, यह सब करने नहीं। इस माहौल में खेलना अब काफी कठिन लग रहा है। अगर उन्होंने मेरे साथ ऐसा किया है, तो सोचिए कि वे छोटे खिलाड़ियों के साथ क्या कर सकते हैं।’