Friday , December 20 2024

बिहार में जातीय जनगणना पर क्‍या है बीजेपी का स्‍टैंड? जानें पीएम मोदी-सीएम नीतीश की मुलाकात से पहले क्‍या बोले सुशील मोदी

भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि भाजपा कभी जातीय जनगणना के विरोध में नहीं रही। इसलिए हम इस मुद्दे पर विधानसभा और विधान परिषद में पारित प्रस्ताव का हिस्सा रहे हैं। प्रधानमंत्री से मिलने वाले बिहार के प्रतिनिधिमंडल में भी भाजपा शामिल है।

रविवार को ट्वीट कर भाजपा सांसद ने कहा कि वर्ष 2011 में भाजपा के गोपीनाथ मुंडे ने जातीय जनगणना के पक्ष में संसद में पार्टी का पक्ष रखा था। उस समय केंद्र सरकार के निर्देश पर ग्रामीण विकास और शहरी विकास मंत्रालयों ने जब सामाजिक, आर्थिक, जातीय सर्वेक्षण कराया, तब उसमें करोड़ों त्रुटियां पायी गईं। जातियों की संख्या लाखों में पहुंच गई। गड़बड़ियों के कारण उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई। वह जनगणना का हिस्सा नहीं था। ब्रिटिश राज में 1931 की अंतिम जनगणना के समय बिहार, झारखंड और ओडिशा एक थे।

उस समय के बिहार की लगभग 1 करोड़ की आबादी में मात्र 22 जातियों की ही जनगणना की गई थी। अब 90 साल बाद आर्थिक, सामाजिक, भौगोलिक और राजनीतिक परिस्थितियों में बड़ा फर्क आ चुका है। जातीय जनगणना कराने में अनेक तकनीकी और व्यवहारिक कठिनाइयां हैं, फिर भी भाजपा सैद्धांतिक रूप से इसके समर्थन में है।