शेयर बाजारों में आसमान छूते सेंसेक्स के बीच कंपनियों के बीच प्रारम्भिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की होड़ सी लग गई है। अगस्त माह के 20 दिन में ही 23 कंपनियों ने आईपीओ की अनुमति के लिये सेबी के पास दस्तावेज जमा कराकर एक नया रिकॉर्ड कायम किया है।
ये आईपीओ दस्तावेज बाजार से 40,000 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने के लिये जमा कराये गये हैं। वहीं आठ कंपनियां पहले से ही बाजार में उतरीं हुई हैं और 18,200 करोड़ रुपये बाजार से जुटायेंगी। इनमें से कई कंपनियां स्टार्ट-अप क्षेत्र से हैं। इनमें वित्तीय प्रौद्योगिकी, ई-कॉमर्स, ऑनलाइन ट्रैवल और सास (सॉफ्टवेयर-एज-अ-सर्विस) वर्ग शामिल हैं।
आईपीओ वर्ष हो सकता है 2021
उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक इस साल अब तक 40 से अधिक आईपीओ के जरिये 70,000 करोड़ रुपये जुटाए जा चुके हैं। कई आईपीओ के लिए 100 गुना से अधिक आवेदन प्राप्त हुये। इसमें निवेशकों की रुचि और खासतौर से खुदरा निवेशकों की रुचि स्पष्ट नजर आती है। कई ब्रोकरेज कंपनियों का कहना है कि इस साल आईपीओ की संख्या 100 के पार जा सकती है। आईपीओ का बाजार में गतिविधियां इस कदर बढ़ गई हैं कि देश के केन्द्रीय बैंक का ध्यान भी इस तरफ आकर्षित हुआ है। रिजर्व बैंक ने अपने नये बुलेटिन में कहा है कि वर्ष 2021 देश के लिए आईपीओ का वर्ष बन सकता है।
इन कंपनियों ने जमा कराए दस्तावेज
इस महीने में आईपीओ के लिए सेबी के पास दस्तावेज दाखिल करने वाली कंपनियों में बीमा वितरक पॉलिसीबाजार की प्रवर्तक पीबी फिनटेक शामिल है जो 6,000 करोड़ रुपये के निर्गम के लिए सेबी की मंजूरी मांग रही है। पुणे की एमक्योर फार्मा भी शामिल है जो 5,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिये पूंजी बाजार में उतरना चाह रही है। इसके अलावा, अडाणी समूह की एफएमसीजी शाखा अडाणी विल्मर ने 4,500 करोड़ रुपये और मुंबई की ऑनलाइन फैशन और परिधान ब्रांड नायका की नियंत्रक कंपनी एफएसएन ई-कॉमर्स ने 4,000 करोड़ रुपये का आईपीओ लाने के लिए पूंजी बाजार नियामक से मंजूरी मांगी है।इस सूची में गुरुग्राम की ली ट्रैवेन्यूज टेक्नोलॉजी भी शामिल है, जो ऑनलाइन ट्रैवल बुकिंग फर्म इक्जिगो की प्रवर्तक है। कंपनी आईपीओ से 1,800 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। सूची में रेटगेन ट्रैवल टेक्नोलॉजीज का भी नाम है जो 1,500 करोड़ रुपये का आईपीओ लाना चाहती है। नौएडा की रेटगेन आतिथ्य और ट्रैवल क्षेत्र की देश की सबसे बड़ी साफ्टवेयर-एज-ए- सर्विस (सास) कंपनी है। इसके अलावा कोलकाता की तारसंस प्राडक्ट्स 1,500 करोड़, कोच्चि की पापुलर वहीकल्स एण्ड सविर्सिज 700 करोड़ रुपये, वीएलसीसी, सैप्पहायर फूड्स जैसी कई कंपनियां हैं जो आईपीआई लाना चाहती हैं।