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करुणा से होती है आत्मा की शुद्धि

आत्मिक उत्थान का एक तरीका है कि अपनी गलतियों को स्वीकार करें। समर्पण कर दें। अपराधबोध के साथ औचित्य ढूंढ़ना अधिक पतन की ओर ले जाता है। गलतियों का आत्मज्ञान आत्मिक शुद्धि का मार्ग है। यह स्वयं के प्रति करुणा है। आत्मिक उत्थान का एक तरीका है कि अपनी गलतियों को स्वीकार करें। समर्पण कर दें। अपराधबोध के साथ औचित्य ढूंढ़ना अधिक पतन की ओर ले जाता है। गलतियों का आत्मज्ञान आत्मिक शुद्धि का मार्ग है। यह स्वयं के प्रति करुणा है। आत्मिक उत्थान का एक तरीका है कि अपनी गलतियों को स्वीकार करें। समर्पण कर दें। अपराधबोध के साथ औचित्य ढूंढ़ना अधिक पतन की ओर ले जाता है। गलतियों का आत्मज्ञान आत्मिक शुद्धि का मार्ग है। यह स्वयं के प्रति करुणा है। 

भूल करने वाले एक व्यक्ति से तुम कैसे पेश आते हो? उस व्यक्ति को उसकी भूल के बारे में मत बताओ, जो वह पहले से ही जानता है और न ही उसे अपराधी, रक्षात्मक या विद्वेषपूर्ण महसूस कराओ, क्योंकि इससे और अधिक दूरी कायम होगी। तुम केवल उसी व्यक्ति को उसकी भूल की ओर ध्यान दिलाओ, जो उससे अनभिज्ञ है, पर जानने को इच्छुक है। बहुधा लोगों को पता होता है कि उन्होंने क्या भूल की है, पर वे नहीं चाहते कि कोई उनका ध्यान इस ओर दिलाए। किसी व्यक्ति की भूलों की तरफ उंगली उठाने से पहले देखो कि क्या तुम्हारी टिप्पणी स्थिति को, तालमेल को बेहतर बनाने में मदद करेगी, प्रेम का पोषण करेगी।

दूसरों की भूलों के पीछे अभिप्राय मत देखो। जब कोई कुछ गलत करता है, तो अकसर हम सोचते हैं कि ऐसा उसने जान- बूझकर किया। परंतु एक विशाल दृष्टिकोण से देखने पर हम पाते हैं कि एक अपराधी वस्तुत: स्वयं एक शिकार भी है। हो सकता है, वे अशिक्षा, अज्ञान, अत्याधिक तनाव या संकीर्ण मनोवृत्ति का शिकार हों। और इनके रहते किसी से भूल हो सकती है। यदि प्रबुद्ध व्यक्ति दूसरों में गलतियां देखता है, तो करुणा के साथ उसे उन भूलों से उबरने में मदद करता है। एक मूर्ख दूसरों की भूलों पर खुश होता है और सारे संसार के समक्ष उसकी सगर्व घोषणा करता है। एक बुद्धिमान व्यक्ति सदैव दूसरों की प्रशंसा करता है। आत्मा का उत्थान करना विवेक है। जब तुम केंद्रित होते हो, तब तुम हमेशा अपने चारों ओर सभी का उत्थान करने को तत्पर रहते हो। इसीलिए अपने मन को सहेजो। जब मन स्थापित होता है, तब तुम चाहो तो भी गलत नहीं कर सकते। आत्मज्ञान से भय, क्रोध, अपराधबोध, अवसाद जैसी सभी नकारात्मक भावनाएं तिरोहित हो जाती हैं।