बंद पड़े दरभंगा, बक्सर और भागलपुर आयुर्वेदिक कॉलेज शीघ्र ही शुरू हो जाएंगे। इसके लिए आवश्यक तैयारी की जा रही है। विभाग के प्रधान सचिव व आयुष निदेशालय के ईडी को भी इसके लिए जरूरी निर्देश दिए जा चुके हैं। ये बातें स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने आयुर्वेदिक कॉलेज एंड अस्पताल पटना में आयोजित सीएमई के उद्घाटन अवसर पर कहीं। उन्होंने कहा कि राज्य में 27 वर्षों बाद 3270 आयुर्वेदिक चिकित्सकों की बहाली की प्रक्रिया शुरू की गई है। शीघ्र ही सभी आयुर्वेदिक कॉलेज व अस्पतालों में उनकी नियुक्ति होगी। यही नहीं राज्यभर में 55 पीएचसी को वेलनेस सेंटर के रूप में परिवर्तित कर वहां भी आयुर्वेदिक इलाज की सुविधा बहाल की जाएगी। अबतक 18 पीएचसी वेलनेस इसके माध्यम से आयुर्वेद को घर-घर में पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री ने आयुर्वेदिक अस्पताल में दंत चिकित्सा इकाई और डिजिटल एक्स-रे यूनिट का भी उद्घाटन किया। मौके पर उन्होंने मरीजों को यहां नि:शुल्क एक्स-रे की सुविधा देने की घोषणा भी की। मौके पर आयुष निदेशालय के कार्यपालक निदेशक अरविंदर सिंह, कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संपूर्णानंद तिवारी, अधीक्षक डॉ. वीएस दुबे, उपाधीक्षक डॉ. धनंजय शर्मा, दिल्ली से आए विशेषज्ञ डॉ. परमेश्वर अरोड़ा, ओडिशा के डॉ. बीडी दास समेत कई विशेषज्ञ शामिल थे।
सोशल मीडिया पर रहें सक्रिय
स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव अरविंदर सिंह ने कहा कि आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया बहुत प्रभावी माध्यम बन सकता है। उन्होंने आयुर्वेदिक कॉलेज व अस्पताल को भी सोशल मीडिया इकाई स्थापित करने और उसका संचालन पीजी छात्रों को देने को कहा। इसके माध्यम से दूर-दराज के लोगों को आयुर्वेद विशेषज्ञों से संबंधित सुझाव देने की भी सलाह दी।
30 डॉक्टरों को प्रशिक्षण देंगे विशेषज्ञ
कॉलेज में आयोजित सीएमई में 30 आयुर्वेदिक चिकित्सकों व निजी प्रैक्टिस करनेवाले विशेषज्ञों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। बिहार आयुर्वेद सम्मेलन के तत्वावधान में देशभर से 08 बड़े विशेषज्ञ इन चिकित्सकों को प्रशिक्षण करेंगे। सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. धनंजय शर्मा ने बताया कि पहले दिन डॉ. परमेश्वर अरोड़ा, डॉ. बीडी दास समेत कॉलेज के विशेषज्ञ प्रशक्षिण देंगे। यहां आयुर्वेद में हो रहे आधुनिक शोध और उसे और प्रभावी बनाने का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।