दिल्ली पुलिस की कमान राकेश अस्थाना के हाथ में आने के बाद फोर्स में काफी तेज गति से बदलाव किया जा रहा है। पीसीआर यूनिट को थाने से जोड़ने के बाद दिल्ली पुलिस के थानों की कार्यशैली में भी बदलाव होने जा रहा है। जी हां अब राजधारनी के थानों में पुलिसकर्मियों की ड्यूटी रोटेशन सिस्टम पर लागू होने जा रहा है। थाने के कर्मी अब शिफ्टों में काम करेंगे और हर थाने के एसएचओ समेत तीनों इंस्पेक्टर को साप्ताहिक अवकाश भी मिलेगा। यह निर्देश नए दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने दिया है।
अभी कोई शिफ्ट ड्यूटी नहीं थी
दिल्ली में अभीतक थानों में तैनात पुलिसकर्मियों की कोई शिफ्ट ड्यूटी नहीं थी। इस कारण कई बार पुलिसकर्मियों को 24 से 48 घंटे तक भी लगातार काम करना पड़ता था। यहां तक की साप्ताहिक अवकाश तक की भी कोई व्यवस्था नहीं थी। जबकि देश के दूसरे मेट्रो शहर मुंबई की बात करें तो वहां के थाने 12-12 घंटे की दो शिफ्ट में पुलिसककर्मी ड्यटी करते हैं।
क्या होगी थाने में नई व्यवस्था
थानों में तैनात इंस्पेक्टर स्तर के पुलिसकर्मियों के लिए साप्ताहिक अवकाश की व्यवस्था शुरू करने पर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत दूसरा इंस्पेक्टर काम देखेगा। दरअसल एक थाने में इंस्पेक्टर स्तर के तीन अधिकारी होते हैं। इसमें एसएचओ, इंस्पेक्टर इनवेस्टिगेशन और इंस्पेक्टर-एटीओ। पुलिस कमिश्नर ने यह निर्देश दिया है कि इनमें से कोई भी एक साप्ताहिक अवकाश पर होगा तो इनका काम दूसरा इंस्पेक्टर देखेगा।
पुलिस एक्ट में संशोधन के लिए कमेटी
निचते पुलिसकर्मियों की लंबी ड्यूटी और उनके कार्यशैली में अन्य बदलाव कर उनके वेलफेयर के लिए दिल्ली पुलिस एक्ट में संशोधन एवं सुधार भी किये जाने कीभी जोर-शोर से तैयारी चल रही है। इसको लेकर एक कमेटी का भी गठन किया जा चुका है। दिल्ली पुलिस के सिस्टम में किस तरह के सुधार किए जाने की जरूरत है, इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से कमेटी को सौंपी गई है। वहीं पीसीआर यूनिट को थाने से जोड़ देने थानों में होने वाली पुलिसकर्मियों की संख्या में कमी की समस्या से भी निजात मिल जाएगा। दरअसल थानों में पुलिसकर्मियों की संख्या में कमी का जिक्र पिछले दिनों जारी सीएजी की रिपोर्ट मे भी किया गया था।
क्या कहती है सीएजी की रिपोर्ट
सीएजी द्वारा ” परफारमेंस ऑडिट रिपोर्ट ऑन मैनपावर ऐंड लॉजिस्टिक मैनेजमेंट इन दिल्ली पुलिस ” शीर्षक से जारी रिपोर्ट में भी पुलिसकर्मियों की ड्यूटी के अवधि लंबी होने का असर काम पर पड़ने की बात कही गई थी। रिपोर्ट में जो खास प्वाइंट दिए गए थे, वे इस प्रकार हैं:–
72 पुलिस स्टेशन में कर्मियों की कमी 35 फीसदी
सीएजी रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली पुलिस के 72 पुलिस थानों में मैनपावर की करीब 35 प्रतिशत की कमी थी। इस कारण पुलिसकर्मियों को ड्यूटी घंटे ज्यादा देने का जबरदस्त तनाव रहता है। इन्हें आठ घंटे की बजाए 12 से 15 घंटे तक ड्यूटी देनी पड़ती है। जबकि मॉडल पुलिस अधिनियम 2006 के तहत ड्यूटी का समय आठ घंटे निर्धारित किया गया है।
साइबर सेल में भी कर्मियों की कमी
वहीं सीएजी की रिपोर्ट में साइबर सेल यूनिट में भी मामलों की संख्या उसके निपटारे के लिए पर्याप्त संख्या में कमी पाई गई है। हालांकि दिल्ली पुलिस की तरफ से साइबर मामलों की जांच के लिए लगातार अत्याधुनिक संसाधन बढ़ाए जा रहे हैं लेकिन इसमें अभी भी काफी कुछ करने की गुंजाइश है। साइबर मामलों की जांच को कुशलतापूर्वक संभालने के लिए पर्याप्त संख्या में प्रशिक्षित और योग्य कर्मियों की तैनाती की अभी भी जरूरत है।
पेट्रोलिंग के लिए कम कर्मी
कैग की रिपोर्ट के अनुसार, पीसीआर कॉल की संख्या बढ़ रही है लेकिन गश्त के लिए भी कर्मियों की संख्या कम ही है। वहीं दिल्ली पुलिस में संचार माध्यम को प्रभावी और आधुनिक बनाने के लिए वायरलेस सेटों को भी अपडेट करने की धीमी प्रक्रिया पर भी सवाल किया गया था।
समाधान की ओर बढ़े कदम
बहरहाल दिल्ली पुलिस में कर्मियों को लेकर सीएजी की रिपोर्ट और अब नए पुलिस कमिश्नर के आने के बाद भी उसमें तेजी से होने वाले सुधार के ऐलान को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि समाधान की ओर कदम बढ़ चले हैं। इसकी शुरूआत सबसे पहले थानों में पुलिसकर्मियों की कमी को पीसीआर यूनिट के कर्मियों की तैनाती से किया जा रहा है। वहीं रोटेशन पर शिफ्ट में ड्यूटी लगाकर थानों की लंबी ड्यूटी को कम करने का प्रयास शुरू किया जा रहा है।