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बिहार पंचायत चुनाव 2021: इस बार बदल गए हैं कई नियम, जानिए वोटिंग से लेकर काउंटिंग तक क्या हुआ परिवर्तन

बिहार पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है। इस बार पंचायत चुनाव में कई बदलाव हो रहे हैं। कुछ चीजें ऐसी हैं जाे इस चुनाव में पहली बार होने जा रहीं हैं। पंचायत चुनाव में चार पदों पर ईवीएम और दो पदों पर मतपत्र से मतदान हो रहा है। ईवीएम से होने वाले चुनाव के सभी पदों के मतपत्र अलग-अलग रंग के होंगे। मतपत्रों की छपाई विशेष केन्द्रीय कारा स्थित प्रिंटिंग प्रेस में कराई जाएगी। मतगणना भी इस बार जिला मुख्यालय में करायी जाएगी।

पंचायत चुनाव में जिला परिषद सदस्यों का नामांकन अनुमंडल कार्यालय में होगा। सभी एसडीओ को निर्वाची पदाधिकारी बनाया गया है। सुल्तानगंज, शाहकुण्ड, नाथनगर, जगदीशपुर, सबौर और गोराडीह प्रखंड के जिप सदस्यों का नामांकन सदर अनुमंडल कार्यालय में, कहलगांव, पीरपैंती और सन्हौला प्रखंड का कहलगांव अनुमंडल कार्यालय में तथा रंगरा चौक, गोपालपुर, इस्माईलपुर, नवगछिया, बिहपुर, खरीक और नारायणपुर प्रखंड के जिप प्रत्याशियों का नवगछिया अनुमंडल कार्यालय में नामांकन दाखिल किया जाएगा। नामांकन के लिए कोषांग का गठन कर लिया गया है।

मुखिया, पंचायत समिति, सरपंच, वार्ड सदस्य और पंच का नामांकन पत्र संबंधित प्रखंड कार्यालयों में दाखिल किया जाएगा। सभी बीडीओ को निर्वाची पदाधिकारी बनाया गया है। जिला पंचायत राज पदाधिकारी त्रिलोकी नाथ सिंह ने बताया कि पंचायत चुनाव के सभी पदों की मतगणना जिला मुख्यालय में कराने का निर्देश आयोग से प्राप्त हुआ है। उसके आलोक में तैयारी की जा रही है। मतगणना केन्द्र का चयन किया जा रहा है। आयोग से सहमति मिलने के बाद मतगणना केन्द्र को अंतिम रूप दिया जाएगा। कुछ संस्थानों को मतगणना केन्द्र के लिए देखा गया है।

प्रशिक्षण के लिए सात संस्थानों का चयन:

पंचायत चुनाव में प्रशिक्षण के लिए मतदान पदाधिकारी और कर्मियों को प्रथम नियुक्ति पत्र इसी सप्ताह भेजा जाएगा। कार्मिक कोषांग द्वारा 32 हजार से अधिक अफसर और कर्मियों का डाटा अपलोड किया गया है। बताया जा रहा है कि करीब 20 हजार अफसर और कर्मियों को प्रथम नियुक्ति पत्र भेजा जाएगा। प्रशिक्षण के लिए शहरी क्षेत्र में सात संस्थानों का चयन कर लिया गया है। पांच अगस्त के बाद प्रशिक्षण देने की योजना है। राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रशिक्षण के दौरान कोविड 19 के गाइड्लाइन का पालन करने का निर्देश दिया है। एक पाली में प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों की संख्या भी निर्धारित की गयी है।