दिल्ली विश्वविद्यालय जल्द ही खोलने की तैयारी है। गुरुवार को डीयू प्रशासन ने कॉलेजों के प्रिंसिपल व विभागाध्यक्षों के साथ बैठक की। जिसमें लाइब्रेरी, लैब, कॉलेज खोलने को लेकर उनसे सुझाव लिए गए। विश्वविद्यालय जल्द ही इस बारे में एक विस्तृत एसओपी जारी करेगा।
डीयू के डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो.राजीव गुप्ता ने बताया कि कैंपस खोलने को लगभग सबकी सहमति है। पहले कॉलेजों की लाइब्रेरी 6 सितंबर से खोलने की तैयारी है। इसमें छात्रों के बैठने की उम्मीद नहीं करते हैं लेकिन सभी प्रिंसिपलों को कहा है कि छात्र आकर अपनी किताबें इश्यू करा सकें। मैं एसओपी बना रहा हूं जिसमें छात्र पहले से ईमेल या अन्य माध्यमों के जरिए पहले कॉलेज को बता सकें।
13 सितंबर या उसके आसपास की तिथि से विज्ञान या उन विषयों के छात्रों को बुलाने की तैयारी है जिनके विषयों में प्रयोगात्मक कार्य हैं। थ्योरी कक्षाएं अभी ऑनलाइन ही चलेंगी। उसमें समय सारिणी बनाने के लिए भी कॉलेजों को कहा गया है जिन दिन छात्र कॉलेज आते हैं उस दिन उनकी थ्योरी कक्षाएं न रखी जाएं।
छात्र के लिए एक डोज और कर्मचारियों के लिए वैक्सीन की दो डोज लेने पर ही प्रवेश
प्रो.राजीव गुप्ता ने बताया कि हम यह कोशिश भी कर रहे हैं कि यदि कोई छात्र कॉलेज आता है तो उसे वैक्सीन की एक डोज और कैंपस आने वाले कर्मचारी व शिक्षक वैक्सीन की दोनों डोज लगवा कर ही आएं। उन्ही छात्रों को कमरा देने की बात हुई है जो वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके हों।
अंतिम वर्ष के छात्र हॉस्टल में बतौर अतिथि रहेंगे
डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर का कहना है कि मैं व्यक्तिगत तौर पर यह कोशिश कर रहा हूं कि अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहे छात्र हॉस्टल में कुछ महीने बतौर अतिथि रह सकें। क्योंकि वर्ष भर के लिए हॉस्टल की फीस अधिक है जबकि वर्तमान समय में कोविड से उपजी स्थिति के बाद छात्रों व उनके परिवार के लिए पैसा भी एक चुनौती है। छात्र कितने दिन हॉस्टल में रहेंगे यह नहीं पता। इसलिए उनको गेस्ट के रूप में रखने की कोशिश करेंगे। डीन ऑफ कॉलेजेज डीयू प्रो.बलराम पाणि ने कहा, ‘कॉलेज प्रिंसिपल और विभागाध्यक्षों के साथ बैठक काफी सकारात्मक रही। डीयू चरणबद्ध तरीके से खोला जाएगा। छात्रों की सुरक्षा, सुविधा प्राथमिकता है। कॉलेज प्रिंसिपल को कॉलेज खोलने के बाद की व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित करनी है।’