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इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान सहित सात पुलिसकर्मी गबन के आरोप से बरी, जानिए क्या था मामला

मेरठ न्यायालय के विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट संख्या-2 ने भ्रष्टाचार के आरोप में इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह चौहान, सब-इंस्पेक्टर नवीन पचौरी, कॉन्स्टेबल बच्चू सिंह, फराज खान, धीरज, सौरभ कुमार, सचिन शर्मा को भ्रष्टाचार के आरोप से बरी कर दिया।

एडीजीसी क्रिमिनल महेंद्र सिंह ने बताया वादी राजीव सचान ने मुकदमा दर्ज कराया था कि सभी आरोपी थाना लिंक रोड गाजियाबाद क्षेत्र में ड्यूटी पर तैनात थे। सभी आरोपियों ने वादी को चेकिंग के नाम पर रोक लिया और वादी से लगभग एक करोड़ रुपये बरामद कर लिए और बाद में कम रुपयों की बरामदगी कर दिखाई गई। बाकी लगभग सत्तर-अस्सी लाख रुपयों का गबन कर लिया।

इस मामले में आरोपियों की ओर से कहा गया कि उन्हें झूठा फंसाया जा रहा है। वादी के वकील ने इसका विरोध किया। न्यायालय ने पत्रावली पर साक्ष्यों को देखते हुए आरोपियों को भ्रष्टाचार के आरोप से बरी किया और पैसा गबन करने के आरोप में मुकदमा गाजियाबाद में विचार के लिए जिला जज गाजियाबाद को निर्देशित किया है।

यह है मामला

एटीएम में नकदी डालने वाली कंपनी सीएमएस ने अपने कर्मचारी राजीव सचान के खिलाफ 22 अप्रैल 2019 को लिंक रोड थाने में 72.50 लाख रुपये गबन करने का आरोप लगाया था। एफआईआर के बाद कंपनी की इंटरनल जांच में मामला 3.50 करोड़ रुपये के गबन का निकला। 24 सितंबर को पुलिस ने मुख्य आरोपी राजीव सचान को गिरफ्तार कर लिया। राजीव के साथ ही एक अन्य आरोपी आमिर को भी गिरफ्तार कर दोनों के कब्जे से गबन की गई रकम में से 45 लाख रुपये बरामद होना दिखाया गया। पुलिस की शुरुआती जांच में पाया गया कि पुलिस टीम ने एक करोड़ रुपये से ज्यादा रकम बरामद की थी, लेकिन बरामदगी सिर्फ 45 लाख रुपये की दिखाई गई। इसके बाद एसएसपी ने सीओ साहिबाबाद से जांच कराई जिसमें आरोप सही पाए गए।