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Teachers Day 2021

भारत में कब मनाया गया था पहली बार टीचर्स डे, जानें महत्व से लेकर इतिहास तक सबकुछ

बच्चों के जीवन में उनके शिक्षक का महत्वपूर्ण स्थान होता है। एक टीचर ही बच्चे को ज्ञान देता है, जिंदगी की कई जरूरी बातों को समझता है, कैसे एक बच्चा अपने जीवन में शिक्षा ग्रहण करके आगे बढ़ सकता है इसमें टीचर उसकी मदद करता है आदि। हर साल टीचर्स के सम्मान में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन स्कूलों में टीचर्स का सम्मान किया जाता है, बच्चे इस दिन टीचर वाली जिंदगी जीते हैं और पूरे स्कूल को अनुशासन के तहत खुद की जिम्मेदारी पर चलाते हैं। हालांकि, कोरोना काल होने की वजह से लंबे समय से स्कूल बंद थे। ऐसे में पिछले साल तक बच्चों ने ऑनलाइन माध्यम से ही टीचर्स डे सेलिब्रेट किया था। लेकिन इस बार काफी जगह पर स्कूल खुल गए हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार बच्चे स्कूल में इस दिन को मना सकते हैं। लेकिन इस दिन के बारे में जानने के लिए आपको इस दिन के इतिहास और महत्व के बारे में जानना होगा। तो चलिए आपको इस दिन के इतिहास से लेकर महत्व के बारे में बताते हैं।

भारत में पहली बार कब मनाया गया ये दिन?
भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महान शिक्षाविद डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर को हुआ था। ऐसे में उनका जन्मदिन 5 सितंबर को होता है। इसी दिन को सेलिब्रेट करने के लिए एक बार राधा कृष्णन के पास उनके कुछ शिष्य पहुंचे और उन्होंने कहा कि वे उनका जन्मदिन मनाना चाहते हैं और आप इसकी अनुमति दे दीजिए।

ये बात सुनने के बाद राधा कृष्णन ने कहा कि मेरा जन्मदिन अलग से मनाने की जगह अगर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाएगा, तो मुझे गर्व महसूस होगा। इसके बाद से ही 5 सितंबर के दिन को टीचर्स डे के रूप में मनाया जाने लगा। यहां आपको बता दें कि पहली बार भारत में शिक्षक दिवस 1962 में मनाया गया था।

ये है इतिहास और महत्व
बात इस दिन के इतिहास की करें, तो पहली बार टीचर्स डे 60 के दशक में मनाया गया था। सर्वपल्ली राधा कृष्णन ने कहा था कि पूरी दुनिया एक विद्यालय है, जहां कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। शिक्षक केवल पढ़ाते ही नहीं हैं, बल्कि हमें जीवन के अनुभवों से गुजरने के दौरान अच्छे-बुरे के बीच फर्क करना भी सिखाते है।

इस दिन को बच्चे अपने शिक्षकों के सम्मान के रूप में मनाते हैं। स्कूल, कॉलेज में इस दिन बच्चे अपने टीचर्स को उपहार देते हैं, उनसे आशीर्वाद लेते हैं, टीचर्स के लिए खासतौर पर पार्टी का भी आयोजन करते हैं आदि। ऐसा इसलिए भी क्योंकि एक शिक्षक बच्चे के जीवन में महत्वपूर्ण रोल अदा करता है।