जेईई मेन्स परीक्षा प्रश्न पत्र लीक होने की खबर पर सीबीआई की छापेमारी के बाद केस दर्ज हो गया है। 20 से अधिक सेंटरों पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार लोगों से पूछताछ जारी है। अधिकारिक सूत्रों ने कहा कि जेईई मेन्स में छात्रों को बेहतर रैंकिंग दिलाने के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही थी। इसमें बिहार, झारखंड, यूपी, एमपी के साथ अन्य राज्यों के 200 से अधिक छात्र भी शामिल हैं।
वहीं, बिहार-झारखंड के 25 से 30 छात्र भी इसमें शामिल होने की बात सामने आ रही है। इन सभी छात्रों पर कार्रवाई की जायेगी और इनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी जाएगी। जेईई मेन्स में सोनीपत, जमशेदपुर, दिल्ली-एनसीआर, पुणे, इंदौर और बेंगलुरु के अलावा किन-किन परीक्षा केंद्रों पर कौन-कौन से छात्र इस गिरोह से मदद लेकर परीक्षा दे रहे थे। इसकी जांच जारी है। इसके साथ ही यह पता लगाया जा रहा है कि जेईई मेन्स के अलावा अन्य किस-किस परीक्षा में इस गिरोह ने काम किया है। इसी तरह से छात्रों को पैसे लेकर मदद पहुंचायी थी।
गिरोह का तार कई अन्य राज्यों में भी, कई बड़े शहरों के कोचिंग भी रडार पर
एनटीए के सूत्रों ने कहा कि कोटा के तरह ही अन्य कुछ शहरों को भी बैन कर दिया जाएगा। 2022 में कई शहरों को बैन कर दिया जाएगा। संदिग्ध सेंटर्स की पहचान हो गयी है। इन सेंटरों को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया है। एनटीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जांच और पूछताछ अभी शुरुआती दौर में है, लेकिन जिस तरह से संकेत मिल रहे हैं, उससे इस गिरोह का तार कई राज्यों से जुड़ा हुआ है।
कई और सेंटर शक के दायरे में है। कई और राज्यों के परीक्षा केंद्रों में भी धांधली में शामिल होने की आशंका बढ़ गयी है। सभी आयामों की जांच जारी है। बड़े-बड़े के कोचिंग संस्थान भी सीबीआई के रडार पर हैं। राजस्थान, बिहार, यूपी, दिल्ली, मुंबई, एमपी के कई कोचिंग संस्थान भी जांच के दायरे में हैं। सूत्रों ने कहा कि कोचिंग संस्थान ही गिरोह को छात्र देते थे।
रिमोट एक्सेस से प्रश्न-पत्र होता था हल
यह गिरोह चुने हुए परीक्षा केंद्र से रिमोट एक्सेस के माध्यम से आवेदक के प्रश्न-पत्र को हल करता है। इच्छुक छात्रों से सुरक्षा के रूप में 10वीं और 12वीं कक्षा की अंक तालिका, यूजर आईडी, पासवर्ड और बाद की दिनांक के चेक लेते थे, और एक बार प्रवेश हो जाने के बाद देश भर में हर उम्मीदवार से 12 से 15 लाख रुपये तक की रकम वसूल करते थे।
अब सात लोग गिरफ्तार
इस मामले में सीबीआई ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें तीन को अदालत ने नौ सितंबर तक सीबीआइ की हिरासत में भेज दिया है, जबकि अन्य गिरफ्तार आरोपितों को ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाकर पूछताछ की जा रहा है. इसमें कई बड़े खुलासे भी हो चुके हैं।